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  1. वैराग्य: आत्मज्ञान का चिन्ह | Dispassion: Sign of Enlightenment

    आत्मज्ञान की अवधारणाएं आत्मज्ञान को लेकर लोगों की बहुत विचित्र धारणाएं होती हैं। हर संस्कृति और धर्म में आत्मज्ञान को लेकर अपनी अलग ही धारणा है। ईसाई धर्म के मत अनुसार एक धनी व्यक्ति आत्मज्ञानी नहीं हो सकता, यह असंभव है। व्यक्ति को आत्मज्ञानी होने के लिए, ...
  2. वैराग्य क्या है? | What is Vairagya? | What is Disspassion

    वैराग्य ध्यान के पथ पर अभ्यास के साथ दूसरा पहिया है। इस ज्ञान पत्र में हम वैराग्य के बारे में जानेंगे। महर्षि पतंजलि कहते हैं, 1.15 दृष्टानुश्रविकविषयवितृष्णस्य वशीकारसंज्ञा वैराग्यं मन पांच इन्द्रियों के विषय वस्तुओं से बने इस संसार की ओर भागता रहता है। ...
  3. ध्यान में गहराई कैसे लाए? | How To Go Deep In Meditation

    पतंजलि योग सूत्र में अभी तक हमने जाना की अभ्यास और वैराग्य मन की पांच वृत्तियों से मुक्ति के उपाय हैं। मन को युक्तिपूर्वक वर्तमान क्षण में लेकर आने के लिए किया गया प्रयास ही अभ्यास है। महृषि पतंजलि कहते हैं की ऐसा प्रयास जब निरंतर, बिना अंतराल के, लम्बे स ...
  4. अभ्यास क्या है? | What is Practice?

    महर्षि पतंजलि कहते है कि मन की पांच वृत्तियाँ हैं- प्रमाण, विपर्यय, विकल्प, निद्रा एवं स्मृति। अभ्यास और वैराग्य इन पांच वृत्तियों के निरोध का उपाय है। इस ज्ञान पत्र में हम अभ्यास के बारे में जानेंगें। अभ्यास 1.13 तत्र स्थितौ यत्नोऽभ्यासः जो भी तुम स्वयं ...
  5. मन की वृत्तियाँ- भाग- १ | Modulations of Mind Part-1

    प्रमाण- मन की पहली वृत्ति महर्षि पतंजलि कहते हैं,  "मन की पांच तरह की वृत्तियाँ हैं- प्रमाण, विपर्याय, विकल्प, निद्रा एवं स्मृति। मन इन्हीं पांचों वृत्तियों में से किसी न किसी में उलझा रहता है।" इस ज्ञान पत्र में हम पहली वृत्ति प्रमाण को समझते ह ...
  6. मन की वृत्तियाँ- भाग २ | Modulations of Mind- Part 2

    महर्षि पतंजलि ने प्रत्येक योग सूत्र को बहुत सुंदरता से बताया है, "मन की पांच तरह की वृत्तियाँ हैं- प्रमाण, विपर्यय, विकल्प, निद्रा एवं स्मृति। मन इन्ही पांच वृत्तियों में से किसी न किसी में उलझा रहता है।" प्रमाण के उपरांत इस ज्ञान पत्र में हम शे ...
  7. मन का स्वभाव | Temperament of mind

    मन पूरे समय बाहरी संसार में उलझा रहता है। जब आँखें खुली होती हैं तब मन कुछ न कुछ देखने, सुनने, सूंघने, स्पर्श करने और स्वाद लेने में फंसा रहता है। जागृत अवस्था में मन इन्द्रियों के सतत क्रियाकलाप में लिप्त रहता है अथवा निद्रा या स्वप्नावस्था में चला जाता ...
  8. योग का अनुशासन | Discipline of Yoga

    पतंजलि योग सूत्र 1: अथ योगानुशासनम् ।। 1.1।। शासन एक ऐसा नियम है, जो किसी और ने आप पर लगाया हो- राजा ने, समाज ने, परन्तु अनुशासन ऐसा नियम है जो आप अपने ऊपर लागू करते हैं। अनुशासन की आवश्यकता कब है? यदि आपको प्यास लगी हो तो आपको पानी पीने के लिए अनुशासन की ...
  9. पतंजलि योग सूत्र का उद्भव: एक अनोखी कथा | Yoga Sutras of Patanjali

    पतंजलि योग सूत्र शुरू होते हैं एक पौरोणिक कथा से बहुत समय पहले की बात है, सभी ऋषि-मुनि भगवान विष्णु के पास पहुंचे और बोले, "भगवन, आपने धन्वन्तरि का रूप ले कर शारीरिक रोगों के उपचार हेतु आयुर्वेद दिया, पर अभी भी पृथ्वी पर लोग काम, क्रोध और मन की वासना ...
  10. दिमाग तेज करने के लिए यह 5 योग आज से ही करें। 5 Super Brain Yoga Exercises

    शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही दिमाग को भी स्वस्थ रखना ज़रूरी है। आयुर्वेद में दिमाग तेज करने के लिए योग करने की सलाह दी जाती है। योग से ना सिर्फ शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है बल्कि विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं से भी निजात मिलता है। योग से मन क ...