कार्यशाला के लाभ
सुदर्शन क्रिया के विषय में क्या कहता है विज्ञान ?
दुनिया भर में प्रकाशित 100 से भी अधिक स्वतंत्र शोध पत्र, सुदर्शन क्रिया और सम्बंधित श्वसन तकनीकों के लाभ का समर्थन करते हैं :
रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं
वृद्धि गहरी नींद में
तनाव हॉर्मोन
कमी केवल 2 सप्ताह के भीतर
जीवन संतोष
वृद्धि केवल एक सप्ताह के भीतर ही
40 वर्षों की विरासत
आप की राय
हमारे संस्थापक और प्रेरणास्त्रोत
गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने तनावमुक्त और हिंसामुक्त समाज का लक्ष्य लेकर, समस्त संसार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का विश्वव्यापी आन्दोलन चलाया| 1981 में गुरुदेव के 10 दिन की मौन तपस्या के फलस्वरूप, सुदर्शन क्रिया का आविर्भाव हुआ और वहाँ से शुरू हुई वसुधैव कुटुम्बकम की यात्रा| ‘सुदर्शन क्रिया’, आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा संचालित सभी व्यक्ति विकास कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण केंद्र है।
गुरुदेव ने सभी व्यक्ति विकास कार्यक्रमों और समाज सेवा परियोजनाओं के माध्यम से, 156 देशों के करोड़ों लोगों को सशक्त किया है| एक प्रभावशाली मध्यस्थ के रूप में विश्व स्तर पर पहचाने जाने वाले, गुरुदेव ने कई संघर्ष क्षेत्रों में शांति बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
“आपके सवाल”
जी हाँ, बिल्कुल ! सुदर्शन क्रिया के निरंतर अभ्यास से आपकी नींद अच्छी होगी, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, आपकी चिंता कम होगी और यदि आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, तो उसमें भी कमी आएगी | इस कार्यक्रम से लाभान्वित हुए लोगों के अनुभवों को आप पढ़ सकते हैं | ये अति आवश्यक है कि कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही आप प्रशिक्षक को अपने रोग के बारे में (यदि आपको कोई रोग है तो) बता दें, जिससे कि वो सत्र के दौरान आप पर विशेष ध्यान दे कर आपको कार्यक्रम का अधिक लाभ पहुँचा सकें |
जीवन तो एक क्षण में बदल सकता है | अपने किसी प्रियजन के साथ या गाड़ी चलाते समय एक छोटी सी चूक से हमारा जीवन परिवर्तित हो सकता है | एक “दिव्य क्षण” न सिर्फ़ आपका बल्कि पूरे संसार का कल्याण कर सकता है और इस कार्यशाला में वो क्षमता है कि आप स्वयं ही अपना जीवन परिवर्तित होते हुए देख सकेंगे | इन चार दिनों में आप सुदर्शन क्रिया सीखेंगे, जिस पर कई शोध भी किये जा चुके हैं और इससे लाखों लोग लाभान्वित भी हुए हैं | जिन्होंने भी सुदर्शन क्रिया की है उन्होंने अपने जीवन को परिवर्तित होते हुए देखा है |
इसके साथ ही जीवनपर्यंत आप इस कार्यक्रम के फॉलो उप सत्र में नि:शुल्क भाग ले सकते हैं | आप आर्ट ऑफ़ लिविंग के एडवांस कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कर सकते हैं | यह कार्यक्रम आपकी आध्यात्मिक यात्रा का पहला चरण है |
जी हाँ है, एक कभी न मिटने वाली मुस्कान – बस यही इस कार्यक्रम का इकलौता दुष्प्रभाव है |
पूरे विश्व में प्रतिदिन लाखों लोग सुदर्शन क्रिया करते हैं और ढेर सारे लोगों ने इससे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया है |
हमारी तकनीक का अभ्यास करना आसान भी है और सुरक्षित भी | यदि आपको अस्थमा है, उच्च रक्तचाप है, हृदय रोग है, या कमर में दर्द है, आप कार्यक्रम शुरू होने से पहले अपने प्रशिक्षक को इसके बारे में बता सकते हैं | वो सत्र के दौरान आप को अलग से निर्देशित करेंगे |
यदि आपको तनाव नहीं है, तो यह बहुत अच्छी बात है ! आप बहुत अच्छा जीवन जी रहे हैं | लेकिन ज़रा सोचिए कि क्या आप धन का संचय तब ही करेंगे जब वो समाप्त होने को है ? या आप तब ही व्यायाम करना शुरू करेंगे जब आपकी सेहत ख़राब होने लगेगी | नहीं, ऐसा नहीं है ? है न ! तो क्यों न आप अपना कीमती समय इसे और अच्छा करने में व्यय करें |
जिन्होंने भी यह कार्यक्रम किया है उनका यह कहना है कि हम शुल्क क्यों लेते हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको जीवन जीने की कला सिखाने के अलावा आपके द्वारा दी गयी धन राशि का उपयोग आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था द्वारा चलायी जा रही कई सेवा परियोजनाओं में किया जाता है| संस्था ने अब तक, 70,000 आदिवासी बच्चों को शिक्षित किया है, 43 नदियों को पुनर्जीवित किया है, 2,04,802 ग्रामीण युवाओं को जीविकोपार्जन कलाएँ सिखा कर सशक्त किया है और 720 गाँवों को सौर उर्जा से जलने वाले लैंप देकर रौशन किया है |
क्या पानी में उतरे बिना ही आप तैराकी सीख सकते/सकती हैं या कभी कोई वाहन चलाये बिना ही आप कह सकते/सकती हैं कि मैं वाहन चलाना जानता/जानती हूँ ? जीवन में हर काम पहली बार ही होता है | ध्यान और सुदर्शन क्रिया करना बहुत सहज एवं सरल है, यह आपको उर्जा प्रदान करते हैं | तनावमुक्त जीवन के लिए ये इकलौता साधन है |
अध्यात्म और कुछ नहीं बल्कि एक प्रक्रिया है जो न सिर्फ़ हमारी आत्मा के सौन्दर्य को बल्कि हमारे अस्तित्व को भी और अधिक सुंदर बनाता है, अध्यात्म जीवन का विज्ञान है | जितना जल्दी आप अध्यात्म को अपने जीवन में अपनाते हैं उतनी जल्दी ही आप अपने जीवन बेहतर बनाते हैं तो अच्छा काम करने के लिए 60 साल तक इंतज़ार क्यों करना है |
इससे कुछ फ़र्क नहीं पड़ता कि आप उनको किस नाम से बुलाते हैं | आप उनको शिक्षक कह सकते हैं, मार्गदर्शक कह सकते हैं, मित्र कह सकते हैं या गुरुदेव भी बुला सकते हैं | यह आप पर निर्भर करता है | लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वो यह कि आप सुदर्शन क्रिया सीखें और उसका अनुभव प्राप्त करें और कार्यक्रम में जो कुछ सिखाया जाता है उसका अनुसरण करें और सदा ख़ुश रहें !
आर्ट ऑफ़ लिविंग के सभी कार्यक्रम एवं शिक्षाएँ दुनिया भर के विभिन्न धर्म एवं जाति के लोगों द्वारा अपनाई गयी हैं | हम आपको यही आश्वासन दे सकते हैं कि प्रतिभागियों की वैविध्यता का, सब का एक साथ आने का केवल एक ही उद्देश्य है, दुनिया के सभी लोगों के चेहरों पर कभी न मिटने वाली मुस्कान लाना |
पूज्य गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी, जो इस संस्था के संस्थापक भी हैं, उनके दृष्टिकोण का एक अंश हम यहाँ आपके साथ साझा करना चाहते हैं:
"जीवन जीने की कला एक सिद्धांत है, जो जीवन को पूर्ण रूप से जीने का दर्शन देता है | यह संस्था या संगठन की तुलना से अधिक एक आध्यात्मिक क्रांति है | जिसका प्रमुख उद्देश्य है- स्वयं के भीतर छुपी शान्ति को प्राप्त करना और समाज के सभी लोगों को संगठित करना – जो विभिन्न संस्कृतियों, परम्पराओं, धर्मों, राष्ट्रीयताओं का मिश्रण है और इस तरह हम सभी को याद दिलाते हैं और यह स्मरण कराते हैं कि हमारे जीवन का एक ही लक्ष्य है – मनुष्य जीवन का उत्थान करना |
जी हाँ, आप अवश्य यह कार्यक्रम कर सकते हैं | आपके भीतर श्वास, आपकी भोजन प्राथमिकता देख कर नहीं आती | वह बस आपका भला चाहती है और चाहती है कि आप अच्छे से अपने जीवन का निर्वहन करें |
क्या दुनिया के हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान देखना, लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए कार्य करना, समृद्धि और संपूर्ण समाज के लिए कार्य करना आपको एक पंथ बनाता है, नहीं, बिल्कुल नहीं |
जब आप एक व्यायामशाला (जिम) जाते हैं, तब आप एक पंथ का या किसी गुट का हिस्सा नहीं बनते हैं | आप बस अपने मन और स्वास्थ्य को बेहतर करना सीखते हैं | ठीक इसी तरह, आर्ट ऑफ़ लिविंग की शिक्षाएँ भी केवल सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों, कलाओं और ज्ञान से ओत-प्रोत हैं | यह आपको तनाव मुक्त, स्वास्थ्य लाभ और जीवन को पूर्ण रूप से जीने में मदद करते हैं | लेकिन हम कहेंगे कि आप हमारी बातों पर न जाएँ बल्कि स्वयं इसे अनुभव करें |
हम आपसे कहेंगे की आप प्रतिदिन ध्यान कीजिये | आप सहज समाधि ध्यान सीख सकते हैं, इसमें आपको एक विशेष मंत्र दिया जायेगा, आप उस मंत्र के साथ हर दिन यह ध्यान कर सकते हैं |