सूर्य नमस्कार - सबसे उत्तम व्यायाम
कुछ लोगों के लिए यह संपूर्ण साधना है और अन्य लोगों के लिए यह वजन घटाने और तंदरुस्त रहने के लिए उत्तम कार्डियो व्यायाम है।
शवासन
यह आसन,अपने नाम के अनुसार ही विश्राम करना है। यह योग सत्र के अंत में एक विराम है, जिसमें शरीर बहुत गहराई से पुनः स्वस्थ हो रहा होता है।
वज्रासन
हमारे टखने शरीर का ऐसा अंग होते हैं,जिनका व्यायाम हम कभी नहीं करते हैं,इसीलिए इनमें बहुत जल्दी कड़ापन आ जाता है। वज्रासन के द्वारा आपके टखनों में लचीलापन आ जाता है।
बद्धकोणासन
आप अपनी जांघों के अंदरूनी हिस्से और गुदा भाग का व्यायाम नहीं कर पा रहे हैं? बंधकोणासन आपके लिए ही है।
उष्ट्रासन
आपको जीवन में नई चीज़ों को स्वीकार करने में कठिनाई हो रही है। पीछे की ओर झुकना और इस आसन के द्वारा अपने हृदय चक्र को खोलना सीखें।
हस्त पादासन
पेट के अंगों को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता होती है। तोंद को अंदर करने की आवश्यकता होती है। हस्त पादासन इसकी कुंजी है!
मर्जरी आसन
यह रीढ़ की हड्डी को सुदृढ़ बनाने के लिए एक अद्भुत मसाज है और साथ ही साथ यह विश्राम भी प्रदान करता है।
गरुड़ासन
आप गठिया के दर्द से परेशान हैं? आप अपनी पिंडलियों को सुदृढ़ बनाना चाहते हैं? गरुड़ासन का अभ्यास करें!
हलासन
थायरॉयड ग्रंथियों को क्रियाशील करने की आवश्यकता है? प्रतिरोधक तंत्र को मजबूती की आवश्यकता होती है? रजोनिवृत्ती से संबंधित समस्याओं ने जीवन को कष्टमय बना दिया है? हलासन आपकी मदद कर सकता है!
कोणासन
अपनी कमर को कुछ इंच तक खींचें और कब्ज से मुक्ति पाएं। यह नितंबिय दर्द से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है!
वृक्षासन
यह मन में संतुलन को स्थापित करता है। मन को संकेंद्रित करता है। क्या आप इसी की खोज कर रहे थे? वृक्षासन का निरंतर अभ्यास इसका उत्तर है!
अधोमुखश्वान आसन
यह आसन छाती की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। इस आसन में गहरी श्वास लेना अच्छा है!
भुजंगासन
आपकी रीढ़ की हड्डी के ऊपरी सिरे और कंधों में तनाव और कड़ापन है? गर्दन में अकड़न है? अस्थमा की समस्या है? भुजंगासन इससे आपको छुटकारा दिलाएगा!