घर से दूर एक और घर

“आश्रम को समस्त मानवता के लिये प्रेम और करुणा का प्रकाश स्तम्भ बनाओ | यह विविध पृष्ठभूमि, विविध मान्यताओं और विविध मतावलम्बियों को एक करेगा |”

~ गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी

'आश्रम' एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है- "श्रम रहित"|  इसलिये जब आप आश्रम में आते हैं, तब आप सहज ही, बिना किसी श्रम के अपने मानसिक बोझ, भय और असुरक्षा की भावनाओं को छोड़ पाते हैं| आश्रम ‘गहन विश्राम’ का पर्यायवाची है|

पिछ्ले 37 वर्षों से अ|र्ट आफ़ लिविंग ने सम्पूर्ण विश्व में कई आश्रम स्थापित किये हैं | ये आश्रम, सामाजिक विकास, वैयक्तिक विकास और आत्म चिन्तन के स्थल हैं|  इसके परे, ये आश्रम ऐसे स्थान हैं, जहाँ हर धर्म और विश्वास के व्यक्ति समानता का अनुभव करते हैं| आगुन्तक अधिकतर आश्रम को घर से दूर एक घर कह्ते हैं|

भारतीय आश्रम

पिछ्ले 37 वर्षों से अ|र्ट आफ़ लिविंग ने सम्पूर्ण विश्व में कई आश्रम स्थापित किये हैं | ये आश्रम, सामाजिक विकास, वैयक्तिक विकास और आत्म चिन्तन के स्थल हैं|  इसके परे, ये आश्रम ऐसे स्थान हैं, जहाँ हर धर्म और विश्वास के व्यक्ति समानता का अनुभव करते हैं| आगुन्तक अधिकतर आश्रम को घर से दूर एक घर कह्ते हैं|

बेंगलुरु , कर्नाटक

बेंगलुरु शहर के समीप अ|र्ट आफ़ लिविंग अन्तर्राष्टॄीय केन्द्र  65 एकड़ के विशाल क्षेत्रफल मे फैला है। यहाँ हरे भरे पहाड़ और  एक झील है जो सैकड़ों पक्षियों, प्राकृतिक जीव-जंतुओं और अनेकों तितलियों का भी घर है| यहाँ पर अत्यधिक सुन्दर ध्यान का  केन्द्र विशालाक्षी मन्टप है| आज आर्ट ऑफ़ लिविंग अन्तराष्ट्रीय केंद्र बेंगलुरु  नगर के सर्वाधिक दर्शनीय स्थलों में एक है|

पता:21 किमी. कनकपुरा रोड, उदयपुरा, बैंगलोर-560 082 संपर्क करें :080-67262626/27/28 | info@vvmvp.org

केंद्र की वेबसाइट देखें

उत्तर भारत में आश्रम

बोध गया, बिहार​

बोध गया, गौतम बुद्ध से जुडा हुआ वह तीर्थ स्थल है, जहाँ उनको  बोधि वृक्ष के नीचे आत्मज्ञान की प्रप्ति हुई थी| यह आश्रम बोध गया से 9 कि.मी. दूर है और  मोक्ष धाम के नाम से भी जाना जाता है|

संपर्क करें : 7762842500 admin.bodhgaya@tok.vvki.org

ओमकारेश्वर आश्रम, मध्य प्रदेश्​

ओमकारेश्वर आश्रम दो ज्योतिर्लिङग ओमकारेश्वर और महाकालेश्वर के बीच नर्मदा नदी के तट पर बसा है |  यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा  बहुत ही विशेष है|

संपर्क करें : 9399125902 ashram.omkareshwar@vvmvp.org

ऋषिकेश, उत्तराखन्ड​

प्रसिद्ध राम झूला के निकट, यह आश्रम पवित्र गंगा नदी के बहुत पास है। गंगा नदी के तट पर ध्यान, योगाभ्यास आपकी आत्मा को हर श्वास के साथ मुक्ति का आनंद देता है |

संपर्क करें : 9886129545 ashram.rishikesh@vvmvp.org

दक्षिण भारत में आश्रम

कल्लाडि, केरल​

2 एकड़ क्षेत्र में फैला यह छोटा सा आश्रम कल्लाडी से 7 किमी दूर पेरियार नदी के तट पर बसा है| यहाँ एक गोलाकर ध्यान  का कक्ष और गुरुदेव का कुटीर है।

संपर्क करें : 9388846260
ashram.kalady@vvmvp.org

पय्योलि, केरल

मुड्डाडि स्थित पय्योलि आश्रम अरब सागर के तट पर बसा है. यहाँ का ध्यान कक्ष, शान्त समुद्र की दिशा को मुख करता है|

संपर्क करें : 9447539906
apex.payyoli@vvmvp.org

त्रिवेन्द्रम, केरल

यह आश्रम किल्लियर नदी के निकट स्थित है और परम्परिक मन्दिर स्थापत्य कला से निर्मित है | ताड़ के वृक्षों के बीच स्थित इस आश्रम में 4 ध्यान कक्ष, एक बाह्य सभागार और एक जलपान घर है|

संपर्क करें : 9446845749
ashram.trivandrum@vvmvp.org

पश्चिम भारत

वसद, गुजरात

माही नदी के तट पर बसा वसद आश्रम शहर से 25 किमी दूर स्थित है। यह 14 एकड़ के विस्तार में है और अगर आप शान्त, खुला मोरों से भरा वातावरण पसन्द  करते हैं ,तो आपके लिये उत्तम स्थल है|

संपर्क करें : 9004844704 admin.vasad@vvmvp.org

पुणे आश्रम, महाराष्टृ

40 एकड़ के विस्तार में इस ऑश्रम में ध्यान कक्ष, नदी किनारे कमरे,  एक रंगशाला , एक वेद पाठशाला, और एक गौशाला जहाँ देसी नसल की साहीवाल गाय पाली जाती है|

संपर्क करें : 9765999123 ashram.pune@vvmvp.org

नागपुर, महाराष्टृ

यह आश्रम सती अनुसुया और रामटेक मन्दिर के समीप स्थित है, जहाँ भगवान राम ने वनवास के समय विश्राम किया था। यहाँ आन्नन्द और धैर्य की प्राप्ति होति है| 

संपर्क करें : 9673009955 admin.toknagpur@vvki.net

पूर्व भारत

इटानगर, अरुणाचल प्रदेश

पूर्वी हिमालय की तलह्टी मे बसा, यह निर्मल, मनोहर, और शान्त ईटानगर आश्रम , प्रकृति प्रेमी और आध्यत्मिक जिज्ञासुओं के लिये सर्वोत्तम स्थान है|

संपर्क करें : 86189 84713

गुवाहाटी, आसाम

यह कठिया बाबा आश्रम से जाना जाता है। यह हिन्दू मान्यता में, पुरुषनामी अकेली नदी, ब्रह्मपुत्र के किनारे है। कामाख्या मन्दिर के समीप, यहाँ नदी को देखते हुए ध्यान कक्ष और आवासिक घर है|

संपर्क करें : 9449556066
ashram.guwahati@vvmvp.org

ज्ञान क्षेत्र

“ज्ञान क्षेत्र में आप अपनी आशंका और चिन्ताओं  को छोड़ कर गहरे ज्ञान  में जाते हैं और वापस  घर जाते हुए आपके चेहरे पर मुस्कान होती है|”

~ गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी

ज्ञान मंदिर वह पवित्र स्थान है, जहाँ लोग आध्यात्म से परिचित होते हैं, मानवीय गुणों को विकसित करते हैं, अपने अन्दर अनुशासन बढ़ाते हैं और स्वस्थ एवम पूर्ण विकसित व्यक्तित्व प्राप्त करते हैं

ज्ञान मदिर आर्ट ऑफ लिविंग के शहर में स्थित केन्द्र हैं, जहाँ हम ज्ञान में आगे बढ़ते हैं, उसे बांटते हैं और उसका उत्सव मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब हम किसी कार्य को संघ में करते हैं, तब उस क्रिया का फ़ल कई गुना हो जाता है। इसलिये हम, इन आनंद शांति और स्वास्थ्य के केंद्रों में साथ मिलकर ध्यान करते हैं, अपनी साप्ताहिक सुदर्शन क्रिया करते हैं और कई सेवा कार्यों को आरम्भ करते हैं।

इस समय संपूर्ण देश में 96 ज्ञान क्षेत्र हैं, जो स्वास्थ्य , समाज सेवा का विचार, उत्सव का प्रचार और अधिक से अधिक लोगों को इस तनाव मुक्त और स्वस्थ जीवन के पथ में आने का निमंत्रण दे रहे हैं|

ज्ञान मन्दिर, वह जगह है, जहाँ न केवल मन और शरीर का ध्यान रखा जाता है, परन्तु एक सुखी व सकारात्मक मन को समाज कल्याण के कार्य में उपयोग किया जाता है।