योग के बारे में (yoga)

एसिडिटी के उपचार के लिए 5 आसान योगासन

हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी एसिडिटी की समस्या का सामना किया है। इसे एसिड रिफ्लक्स के नाम से भी जाना जाता है। यह ऐसा खाना खाने के कारण हो सकता है जो अत्यधिक तैलीय, नमकीन, मसालेदार या मीठा होता है। कैफीन, तंबाकू और शराब का अत्यधिक सेवन समस्या को और खराब कर सकता है। एसिडिटी की मात्रा में बढ़ोतरी का एक और संभावित कारण खाना खाकर तुरंत सो जाना हो सकता है।‌ यह सभी आदतें, और इनके साथ, दैनिक जीवन का तनाव एसिडिटी को बढ़ाने का कारण बनते हैं।

एसिडिटी के कई लक्षण हैं, बेचैनी और अम्लिकोद्गार से लेकर मतली और उल्टी तक और कई बार कब्ज़ भी। जबकि ये लक्षण दर्दनाक और असुविधाजनक हो सकते हैं, एसिडिटी के प्रभावों को रोकने के लिए और उससे बचने के लिए कई सरल उपाय हैं।

योग, एसिडिटी के लिए सबसे कुशल और प्राकृतिक इलाजों में से एक है। यह सबसे आसान और तेज तरीकों में से एक है जो न केवल अम्ल प्रतिवाह के प्रभावों को दूर करता है परन्तु, आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।

एसिडिटी व गैस को दूर करने के लिए कुछ सरल योगासन हैं जिन्हें प्रतिदिन घर पर किया जा सकता है।

1. वज्रासन‌

यह आसन पेट और आंतों की ओर रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और भोजन को प्रभावी ढंग से पचाने में मदद करता है, भले ही आपका पाचन तंत्र कमजोर हो।

2. पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन का नियमित अभ्यास मल त्याग (बॉविल मूवमेंट) को उद्दीप्त करने में मदद करता है जो कि पाचन तंत्र से अपशिष्ट पदार्थ और विषाक्त पदार्थों को हटाने के लिए बहुत आवश्यक है।

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3‌. नाड़ी शोधन प्राणायाम (एकांतरिक नासिका से श्वास लेने की तकनीक)

यह मुद्रा शरीर में ऊर्जा बढ़ाती है और हमें तनाव व व्यग्रता मुक्त करती है। इसे आदर्श रूप से सुबह खुली हवा में और खाली पेट किया जाना चाहिए।

4. कपाल भाती प्राणायाम (मस्तक चमकाने वाली श्वास तकनीक)

यह पेट की बीमारी, मोटापा, पाचन विकार और पेट से जुड़ी ऐसी ही कई समस्याओं के उपचार में प्रभावी है।

5. उष्ट्रासन (ऊंट रुप में ठहरना)

यह आसन पीठ दर्द को कम करने के लिए विशेष रूप से अच्छा है। यह मन को शांत करने में मदद करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। यह श्वसन प्रणाली, अंतःस्त्रावी प्रणाली और तंत्रिका तंत्र के लिए भी अच्छा है।

योग का दैनिक अभ्यास एसिडिटी और इसके प्रभावों से निपटने के लिए एक उत्कृष्ट तकनीक साबित होगा।

एसिडिटी व गैस को दूर करने के लिए कुछ और टिप्स -

जबकि योग एसिडिटी व जठर-संबंधी समस्याओं से निजात पाने का एक शानदार तरीका है, लेकिन अगर जीवनशैली में कुछ सरल से बदलाव किए जाएं और स्वस्थ भोजन की आदतें डाली जाएं, तो आप अपने संपूर्ण गैस्ट्रिक स्वास्थ्य में कमाल के परिणाम देख पाएंगे।

1 अपने आहार में अधिक फल और कच्ची सब्जियां शामिल करें।

2‌  तैलीय और मसालेदार भोजन का सेवन कम करें।

3  मीठा खाने से बचें।

4  सोने के ठीक पहले भोजन न करें।

5 कैफ़ीन का सेवन कम कर दें। 

6 तम्बाकू और शराब के सेवन से बचना एसिडिटी कम करने में मदद कर सकता है‌।

7 पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन बढ़ा दें जैसे छाछ और नारियल पानी।

हालांकि योगाभ्यास शरीर और मन को विकसित करने में मदद करता है और बहुत से स्वास्थ्य लाभ लाता है परंतु दवा का विकल्प नहीं है। एक प्रशिक्षित श्री श्री योग शिक्षक की देखरेख में योग मुद्राओं को सीखना और अभ्यास करना महत्वपूर्ण है। किसी भी चिकित्सा स्थिति के मामले में, डॉक्टर व श्री श्री योग शिक्षक से सलाह लेने के बाद योगासनों का अभ्यास करें। आपके निकट आर्ट ऑफ लिविंग केंद्र पर श्री श्री योग कार्यक्रम खोजें।

क्या आप कार्यक्रमों की जानकारी या प्रतिक्रिया साझा करना चाहते हैं ? हमें info@srisriyoga.in पर लिखें।

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