श्री श्री रवि शंकर की कोलंबिया के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात

Colombia
2nd of दिसंबर 2016

बोगोटा: विशव प्रख्यात, आध्यात्मिक व मानवीय गुरु गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने सेंट्रल व साउथ अमेरिका में पुनः शांति की स्थापना करने हेतु एक मिशन की शुरुआत की है। यह क्षेत्र, विश्व के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से माना जाता है जहाँ पर नशे व आतंकवाद का बोलबाला है।

इस क्षेत्र के पिछले कुछ सफल दौरौं के दौरान फार्क ने अहिंसा का मार्ग अपनाया और कोलंबिया में ऐतिहासिक शांति संधि का भी आगमन हुआ। गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर को पुनः कोलंबिया की सरकार द्वारा शांति संधि को आगे बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया गया है।

काली, कोलंबिया में सुलह-समाधान समारोह का उद्घाटन, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर व प्रेजिडेंट जुआन सांतोस द्वारा किया गया। इस समारोह के दौरान उनकी मुलाकात कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति और विरोधी पार्टी के मुख्य नेता, अल्वारो उरिबे से भी हुई। इस समारोह द्वारा उन्होंने ने विरोधी पार्टी से शांति संधि को आगे ले जाने पर भी वार्तालाप किया। इस समारोह से दौरान उनकी मुलाकात, जोशुआ मित्तरोति, डायरेक्टर कोलम्बियाई एजेंसी फॉर रेइंटेग्रटीओं और हेनरी अकोस्टा, कोलम्बियाई पीस प्रोसेस मीडिएटर से भी हुई जो इस शांति संधि में प्रमुख हितधारक हैं।

रिकंसिलिएशन कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने अपने भाषण में कहा कि फार्क छापामारों को सरकार के साथ जुड़ना आव्यशक है, : हर समाज में बदला लेने का एक झुकाव होता है-हमें इस भरोसे की कमी को पूरा करना होगा। इस करणवर्ष हमने क्षमा प्रक्रिया चलाई है। इस प्रक्रिया के बिना, आम नागरिक इन गुइरेल्ला छापामारों को उसी प्रकार से देखेंगे जैसे पहले (एक आम व्यक्ति की भांति) देखते थे। उनका यह जानना आव्यशक है कि फार्क के लोग भी समस्याओं से पीड़ित हैं।

गुरिल्ला छापकारों के लिए अपने अभियान के बारे में बताते हुए गुरुदेव ने कहा, "हम उन्हें १००-३०० लोगों के समूह में प्रशिक्षण दे रहे हैं। योग, प्राणायाम व ध्यान द्वारा वह जीवन को बड़े नज़रिये से देख सकते हैं। "

फार्क और कोलंबिया के बीच पहली शांति संधि के पश्चात, आर्ट ऑफ़ लिविंग, फार्क और पीड़ित आम लोगों को आमने-सामने लाकर, क्षमा अभियान में लगा हुआ है। एक ऐसा देश जो आतंकवाद व युद्ध से पीड़ित है, उसमे ऐसा कुछ होना बहुत बड़ी बात है।

सरकार, विरोधी पार्टी के नेता, प्रमुख हितधारकों और आम जनता से मुलाकात द्वारा, उन्होंने शांति संधि को देश में एक बहुत अच्छा बढ़ावा दिया है।

उत्साह से परिपूर्ण जनता ने बोगोटा और कली में ज़ोर-शोर से स्वागत किया। पार्लियामेंट के बहार बोलिवर स्क्वायर में एक ऐतिहासिक सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जहाँ आम नागरिकों ने बढ़-चढ़ के भाग लिया। लैटिन अमेरिका के प्रख्यात टर्कीऔपेलडॉ रॉक बैंड ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और श्री श्री के सम्मान में दो भजन भी गाए। विभिन्न लैटिन अमेरिकी अवार्ड के विजेता टर्कीऔपेलडॉ रॉक बैंड को कोलंबिया में आतंवाद व हिंसा को मिटाने के प्रयत्नों के लिए भी यूनाइटेड नेशन्स द्वारा सम्मानित किया गया है।

मेक्सिको में एक सार्वजानिक कार्यक्रम के पश्चात वे हिंसा से पीड़ित निकारागुआ और साल्वाडोर क्षेत्रों में जाएंगे। आर्ट ऑफ़ लिविंग ने पिछले एक दशक से मेक्सिको के विभिन्न क्षेत्रों में जेल के कैदियों व बाल-कैदियों को सुधारने का अभियान चलाया हुआ है। वे देश के युवाओं को नशे और बन्दूक की लत से दूर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। इन युवायों के साथ-साथ, हज़ारों जेल-गार्ड और डायरेक्टर को भी आर्ट ऑफ़ लिविंग के कोर्स द्वारा फायदा हुआ है। इन शांति पहलों को कानून निर्माताओं और आपराधिक विशेषज्ञों द्वारा भी प्रशंसा मिली है। मेक्सिको के दौरे के द्वारण यह आशंका है कि गुरुदेव सीनेट के प्रमुख नेताओं, प्रख्यात धार्मिक गुरु, नेता, उद्योगपति, नशे के उद्योगी, और अपराधियों से भी मिलेंगे।

इस सेंट्रल और दक्षिण अमेरिका के दौरे के द्वारण, गुरुदेव १० देशों कि यात्रा करेंगे, जिसमे मेक्सिको, एल साल्वाडोर, इक्वेडोर, निकारागुआ, कोस्टा रिका, ग्वाटेमाला, पनामा, ब्राज़ील और वेनेज़ुएला शामिल हैं। इस दौरे के द्वारण वे एलन इक्वेडोर में कोलंबिया के दूसरे सबसे बड़े गुएररिल छापामारों से भी वार्तालाप करेंगे। इतिहास में पहली बार एक हिंदुस्तानी दशकों से आतंकवाद, उतेजना, नशे से ग्रस्त और माफिया से जूझ रहे क्षेत्रों में पहल के लिए कुछ कार्य करेगा।

 

1

काश्मीर में श्री श्री ने प्रारंभ की शांति की शुरूवात

हाल ही के कुछ दिनों में आर्ट आॅफ लिविंग के प्रणेता और आध्यात्मिक संत श्री श्री रविशंकरजी द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों को साथ लाने का अकल्पनीय कार्य किया है। इन वर्गो में पूर्व अलगाववादी, आतंक के शिकार लोग, युवा, महिलाएॅं, उद्यमी, काष्मीर के गैर सरकारी संगठन, सुफी लीडर, सेवानिवृत्त कर्मचारी, कला व संस्कृति से जुडे लोग, सिख समुदाय के लोग सभी ने मिलकर काश्मीर में ‘स्वर्ग की वापसी’ सम्मेलन में अपनी भागीदारी दी और चर्चा में भाग लिया।

Personality Development in Hindi
2

अपने मनमोहक अस्तित्व को पुनः पहचाने

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब एक छोटा बच्चा कमरे में प्रवेश करता है, तो कमरे में उपस्थित सभी व्यक्ति उस बच्चे की उपस्थिति मात्र से ही आकर्षित हो जाते हैं। बच्चा कोई प्रयास नही करता है। सब स्वतः होता है। हम अपनी उपस्थिति से ज़्यादा संचार / संवाद करते है नाकि शब्दों से। लेकिन जैसे जैसे हम प्रौढ़ होते हैं अपने जीवन के इस उत्कृष्ठ पहलू पर ध्यान रखना भूल जाते हैं।

हम किस तरह अपने जीवन में बालवत ताज़गी, मित्रता और स्वाभाविकता पुनः प्राप्त करें? यह सुदर्शन क्रिया जैसे सहज परन्तु शक्तिशाली तकनीक द्वारा संभव है।