21 January 2016 - QA 7

गुरुदेव, एक दिव्य समाज बनाने के लिए क्या आप हमें ऐसे पांच सूत्र बता सकते हैं जो हर नागरिक कर सकता है?

Sri Sri Ravi Shankar:
  1. तनाव मुक्त रहिये – अपने शरीर, मन और आत्मा को तनाव से मुक्त रखिये| यह एक बार का काम नहीं है, इसे बार-बार करते रहना पड़ेगा| ठीक वैसे ही जैसे आप हर रोज़ अपने दांत साफ़ करते हैं|
  2. समाज के लिए कुछ करिए – थोड़ा बहुत ही सही, जितना हो सके समाज के लिए कुछ सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहें|
  3. पूर्वाग्रह से दूर रहें – अपने मन और बुद्धि में कोई पूर्वाग्रह न रखें, चाहे वह किसी धर्म के लिए हो, या फिर किसी जाति या लिंग के लिए|
  4. अपने परिवार/समाज और कार्यक्षेत्र में संतुलन रखें – कुछ लोग इतनी अधिक समाज-सेवा करते हैं कि वे अपने परिवार पर ध्यान नहीं देते| कुछ हैं जो अपने घर-परिवार में ही इतना उलझे रहते हैं कि उनकी दुनिया उनके घर के चार-दिवारी के बाहर ही नहीं जाती| ये दोनों ही अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं कर रहे हैं| जो लोग केवल अपने घर की चार-दिवारी में बैठे रहते हैं, उन्हें बाहर जाना चाहिए, मित्र बनाने चाहिए और समाज के लिए कुछ कार्य करना चाहिए| जो लोग पूरा समय सिर्फ बाहर ही रहते हैं, और घरवालों से ज्यादा अच्छे से बर्ताव नहीं करते हैं, उन्हें घर पर मृदु व्यवहार करना चाहिए| इस प्रकार अपने घर और कार्यक्षेत्र में संतुलन रखें|
  5. अपने लिए और समाज के लिए लक्ष्य रखिये और उसपर टिके रहिये – लक्ष्य कोई भी हो, लेकिन वह आपके व्यवसाय से हटकर हो, जैसे किताब लिखना, कविता लिखना, चित्रकारी करना, संगीत, छोटी कहानियां लिखना इत्यादि| जिस भी तरह संभव हो रचनात्मक बने रहना| सिर्फ इस भाव को मन में रखिये, और वह स्वयं ही आपके अन्दर प्रकट हो जाएगा| तो एक लक्ष्य आप अपने लिए रखिये, और एक लक्ष्य समाज के लिए रखिये – अपने आसपास के लोगो को प्रेरित करिए| जीवन में और समाज में दुखी, परेशान और अप्रसन्न रहने के 100 कारण हो सकते हैं, लेकिन इससे बाहर आना एक चुनौती है| आपको इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए| “कुछ भी हो जाए, मैं इन दुःख के बादलों से बाहर आऊँगा/आऊंगी” ; ठीक वैसे ही जैसे खराब मौसम में भी हवाईजहाज उड़ान भर लेता है| आपके साथ केवल वह रडार होना चाहिए, जो आपको किसी भी बादल के अन्दर से मार्ग दिखाता है और आपके चारों ओर जोश और उत्साह पैदा करता है|