‘भारत निर्माण’ की पहल से शराब की 5 दुकाने बंद (Bharat Nirman Yojana in Hindi)

जलेश्वर (ओडिशा | Odisha)। स्वस्थ और सभ्य समाज निर्माण की दिशा मे पहल करते हुए बीएनवी (भारत निर्माण वालंटियर) के स्वंयसेवकों ने ग्राम पंचायत लखनत के गांव कृष्णानगर में 10-12 वर्षों सें अवैध रूप से चल रही शराब की पांच दुकानें बंद करवाईं।

गांव में शराब मिलने के कारण यहां के लोग नशे के आदी हो चुके थे। इसके चलते गली-मोहल्ले में गाली-गलौच, लड़ाई-झगड़ा होता था। परिवार के मुखिया के शराबी होने सेे घरों में भी कलह रहता था। ऐसे में आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा प्रशिक्षित बीएनवी के स्वयंसेवकों ने गांव में मीटिंग रखी, जिसमें गांव के बुजुर्ग, मुखिया और अन्य सभी लोग उपस्थित थे। मीटिंग में सबकी सहमति से शराब की दुकानें बंद कराने का फैसला हुआ।

स्वयंसेवक सायकत डे ने बताया कि अवैध शराब की दुकानों की थाने में शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस भी इस समस्या को निपटाने में नाकाम हो रही थी। हम लोगों ने इसे गांव के स्तर पर सुलझाने का विचार आया। फिर स्वयंसेवक ने गांव के लोगों के साथ मिलकर शराब बेचने वालों को समझाया। वह नहीं माने तो हड़ताल की गई। सभी स्वयंसेवकों ने उनके घरों पर छापा मारा और बरामद शराब व अन्य संबंधित सामग्री नष्ट कर दी गई। साथ ही उन्हें भविष्य में शराब न बेचकर अन्य कार्य करने की नसीहत दी। यह भी फैसला हुआ कि शराब बेचने वालों से 5000 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

कृष्णानगर के वार्ड मेम्बर सिंगरय हेमराम (38), ने बीएनवी स्वयंसेवको के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि हमेशा अच्छे कार्यो के लिये सहयोग का आसवाशन देता हॅू। उन्होने कहा कि ये  अच्छे सोच का नतीजा है कि गांव मे अब शराब बिकना बंद हो गया। गांव में शराब मिलने के वजह से कम उम्र के बच्चे युवावर्ग भी नशा ने चपेट मे आ चुके थे।  

गांव के ही ग्रामीण पुष्पांजली (41) कहती है कि गांव मे शराब मिलने के वजह से घर के मुखिया शाम को अपने काम से आने के बाद शराब पीकर घर मे लड़ाई झगड़ा करते थे परन्तु अब शराब नही मिलने से उनका शराब पीना बंद हो गया है जिससे घर मे अब झगड़ा होना बंद हो गया है।

सिंगरय हेमराम (58), कृष्णानगर कहते है कि भारत निर्माण वालंटियर के अथक प्रयास से गांव मेे दारू दुकाने बंद होने से अब 70 से 85 फिसदी लोग शराब पीना बंद कर दिया है।
इस कार्य मे ठछट स्वयंसेवक मोक्रा बेसरा, लक्ष्मण मरांडी, जगन्नाथ मुरमु , खोकण मुरमु ,कान्हू हेमराम, सत्यम हसदा , सुशील मुरमु ,धनुराम मरांडी और मनोज हेमराम इन लोगो ने मुख्य भुमिका निभायी।

क्या है बीएनवी ? 

सभ्य व स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए ओडिशा सरकार द्वारा चलाया जा रहा उपक्रम है जिसमें युवाओं 
को आर्ट आॅफ लिविंग के युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से इन्हे समाज में जागरूकता लोने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

विद्यालय न जाने वाले बच्चों को मिली प्रेरणा

गांव में अच्छे कार्य करने के लिए बीएनवी स्वयंसेवक मीटिंग करते रहते हैं। स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को यह लोग 24 अगस्त 2015 से रोज सुबह-शाम दो घंटे निःशुल्क पढ़ाते हैं। यहां नर्सरी से आठवीं तक के 68 बच्चे पढ़ रहे हैं। हर बच्चे से महीने में 30 रुपए लिए जाते हैं, जो उनकी कापी, पेन, स्लेट, पुस्तक इत्यादि पर खर्च होता है।

सरपंच कान्होचरणदास (46) ने कहा कि पहले के बुजुर्ग तो पढ़ नहीं पाए, लेकिन आज की पीढ़ी शिक्षा से वंचित नहीं रहनी चाहिए। शिक्षा से व्यक्ति जिम्मेदार बनता है और सभ्य समाज एंव जिम्मेदार व्यक्ति से आदर्श ग्राम (model village) का निर्माण होता है।

मालती (40) कहती हैं कि पहले बच्चे इधर-उधर घूमते रहते थे। कहने पर भी नहीं मानते थे। जब से बीएनवी स्वयंसेवक उन्हें एकत्रित कर पढ़ाने लगे हैं, तब से वह पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं।
 

संकलन कर्ता : लोकेश कुमार सिन्हा

सेवा टाइम्स भारतभर में आर्ट आॅफ लिविंग द्वारा की जा रही मासिक गतिविधियां प्रस्तुत करने को समर्पित एक समाचार सेवा हे। पूरे भारत के गाँवों व शहरों में स्वयंसेवकों द्वारा की गई सेवाओं के जरिये समाज में जो बदलाव लाया जा रहा है, उसका सेवा टाइम्स संलेख करता है।

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