एनजीटी ने कोई भी अवमानना नोटिस जारी नहीं किया है | No contempt notice has been issued

भारत (India)
27th of अप्रैल 2017

श्री मनोज मिश्र को अपने आवेदन पत्र दाखिल करने से पहले ही मीडिया में बयानबाज़ी करने के लिए मौखिक फटकार लगाई गई थी (हालाँकि हमारे अनुसार यह आवेदन बिलकुल ही आधारहीन है)।

आज, एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग या गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर को कोई भी अवमानना नोटिस जारी नहीं किया है। इसके विपरीत मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से गलत, निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। मामले की सुनवाई केवल 9 मई 2017 तक स्थगित कर दी गयी  है।

हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और विश्वास करते हैं कि सत्य की जीत होगी। हमने कभी भी कुछ अपमानजनक नहीं कहा और न ही हमारे द्वारा कोई अवमानना हुई है। यह केवल तथ्यों के आधार पर सुनवाई में देरी करने का एक बेकार प्रयास है।याचिकाकर्ता जानता है कि इस मामले में कोई दम नहीं है। इसलिए वह इस मामले की जड़ के बजाय अप्रासंगिक मुद्दों पर ध्यान बँटाने की

कोशिश कर रहा है। याचिकाकर्ता यमुना के कल्याण में बिल्कुल रूचि नहीं रखता है। उनका एकमात्र उद्देश्य है दुनिया की एक सबसे प्रतिष्ठित संगठन की प्रतिष्ठा को धूमिल करना।

यह दूसरी बार है जब हमारा गलत निरूपण किया गया है। पिछली बार भी अदालत ने कभी भी  गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के नाम का उल्लेख नहीं किया था जैसा कि कुछ मीडिया ने रिपोर्ट किया। दरअसल अदालत ने याचिकाकर्ता मनोज मिश्र द्वारा पेश किए गए प्रत्येक बिनती को खारिज कर दिया था।

हम उन मीडिया हाउसों से आह्वान करते हैं जिन्होंने यह गलत रिपोर्ट दी है कि माननीय एनजीटी ने एक अवमानना नोटिस जारी किया है - आप कृपया उस आदेश को दिखाएँ जिसके  आधार पर उन्होंने इस तरह के बयान को प्रकाशित किया है।