ध्यान (meditation)

निर्देशित ध्यान एक आदर्श द्वार है |

ध्यान शब्द के विभिन्न मनुष्यों के लिए, विभिन्न अर्थ होते हैं। कुछ लोगों के लिए, ध्यान का अर्थ ‘एकाग्रता’ है और कुछ के लिए, ध्यान चिंतन को संदर्भित करता है।

गुरूदेव श्री श्री रविशंकर जी के अनुसार, ध्यान का अर्थ एकाग्रता नहीं अपितु विश्राम करना है इसके निरंतर अभ्यास से समाधि या श्रेष्ठता की परम अवस्था प्राप्त होती है।

बहुत से लोग ध्यान करने की प्रक्रिया सीखना चाहते हैं, वह कुछ ऐसा चाहते हैं जो सहज भी हो और सुखद भी।

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क्यों प्रयोग करें - निर्देशित ध्यान

शुरुआत करने वालों के लिए, या वह जो शिक्षक या गुरु के अनुदेश पर ध्यान करना पसंद करते हैं, निर्देशित ध्यान एक आदर्श द्वार है। वास्तव में, जब ध्यान गुरु के दिशा निर्देश पर किया जाता है, तब वह पूर्णरूप से सहज हो जाता है।

दैनिक जीवन में, हम अक्सर खुद को अपने शरीर और भौतिक दुनिया से पहचानते हैं। निर्देशित ध्यान हमें भौतिक स्तर से परे, आत्मा के स्तर पर ले जाता है; हमारी आध्यात्मिक यात्रा को और तेज़ व अधिक सरल बनाते हुए। ध्यान के नियमित अभ्यास से न केवल ध्यान करने वाले का जीवन परिवर्तित होता है, परन्तु उसके आस - पास के वातावरण में भी परिवर्तन हो जाता है।

निर्देशित ध्यान की आनलाइन उपलब्धता

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर निर्देशित ध्यान की विविधता प्रदान करते हैं जो जीवन की विभिन्न परिस्थितियों व मनोदशाओं का व्याख्यान करती हैं।

कुछ निर्देशित ध्यान जो 'आर्ट ऑफ़ लिविंग ' द्वारा आनलाइन उपलब्ध हैं, शामिल करते हैं :

  • विश्राम की श्वास
  • भावनाओं में रूपांतरण होना
  • पंचकोष ध्यान
  • योग निद्रा

https://www.youtube.com/watch?v=HJ5wN5PtwTw

  • संतोष ध्यान
  • अंदर की यात्रा

'आनलाइन निर्देशित ध्यान' पर ऊपर दिये गये निर्देशित ध्यान का प्रयोग करें और ध्यान करना सीखने के अनुभव का आनंद लें

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