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  1. इतने सारे लोगों में से हमें कैसे पहचानते हैं गुरुदेव

    प्रश्न : जब हम आपका फ़ोटो देखते है तब हमें लगता है कि आप हमको पहचानते हैं। पर जब आपसे प्रत्यक्ष में मिलते है तो लगता है कि आप हमें जानते ही नहीं। इतने सारे लोगों में से आप हमें कैसे पहचानते है गुरुदेव: देखो इतने सारे बाल होते हैं सिर पे, किसी ने गिना है? न ...
  2. क्या अनजाने में भी जीव हत्या का पाप लगता है

    प्रश्न:   गुरुजी, मैंने सुना है कि अगर चींटियों को, मकोड़ों को या जीव जंतु को मारा तो पाप होता है। पर जब मैं गाड़ी चलाता हूँ तो गाड़ी में अनेक चीड़ी मकोड़े और जीव जंतु मर जाते हैं ।तो क्या इसका पाप मुझे लगेगा? पाप भाव में लगता है कृत्य में नहीं  गुरुदेव:  ...
  3. मन भागता रहता है, इसे नियंत्रित कैसे करें?

    प्रश्न:  गुरुजी, मन सदैव भागता रहता है, इच्छा राक्षस की तरह मुँह बड़ा किए रहती है। स्वयं यदि नियंत्रण भी करूँ तो परिवार, समाज उकसाता है। ऐसी स्थिति पर कैसे नियंत्रण करें?  न इच्छा कोई राक्षस है, न कोई मन घोड़ा गुरुदेव:  न इच्छा कोई राक्षस है, न कोई मन घोड ...
  4. हम जिस चेतना के अंश हैं उसे हमेशा कैसे अनुभव करें?

    प्रश्न:   गुरुजी, हम उस चेतना का अंग हैं, पर उसको हर वक्त कैसे महसूस कर सकते हैं?  गुरुदेव:   महसूस करना है न, यह सोच से ही गड़बड़ हो जाता है। मैं, मुझे  महसूस करना है, तुम्हें कुछ नहीं करना, चुप बैठो, महसूस करोगे। प्रयत्न से आपत्ति आ जाती है, मन की जो आय ...
  5. पढ़ाई करते वक्त दिमाग़ बहुत भागता है, क्या करें? 

    प्रश्न: पढ़ाई करते वक्त दिमाग़ बहुत भागता है, क्या करें?  गुरुदेव:   देखो सभी पढ़ाई में, सभी सब्जेक्ट में मन भागता हो तो कुछ गड़बड़ है। मगर एक आध सब्जेक्ट में मन भागता हो तो उसके लिए उपाय ढूँढ लेंगे। आँ। हिस्ट्री आपको पसंद नहीं है, तो हिस्ट्री पढ़ते वक्त ...
  6. कृष्ण के "उपदेश" का और राम के "आदर्शों" का अनुकरण करो

    प्रश्न:  गुरुदेव प्रणाम। कृष्ण पांडव की तरफ थे। उनको मालूम था जहाँ मैं रहूँगा वहीं जीत है। फिर भी उनकी सेना उन्होंने कौरवों को दे दी। तो उस टाईम उनके राजधर्म की कोई अलग परिभाषा थी या कोई और वजह थी? उनको मालूम है मेरी सेना का ध्वंस होना तय है। फिर भी उन्हो ...
  7. पहला कदम उठाओ 

    आदत  अक्सर यह पाया जाता है हम अपनी आदतों से बहुत परेशान रहते हैं। दो तरह की आदतें होती हैं। कुछ आदतें है जैसे दंत मंजन करना, स्नान करना… यह सब आदतें अच्छी हैं पर कुछ आदतें ऐसी हैं जो हमको पीड़ा देती हैं। आदतें हमको वायदा करती हैं तो सुख देने कि मगर देती है ...
  8. बोर हो रहे हों तो क्या करें

    कोई प्रज्ञावान या कोई तेज दिमाग का व्यक्ति हो वह फिजूल चीजों से बोर हो जाते हैं, वह इसमें पड़ते नहीं। कुछ चीजें हम बेहोशी से करते रहते हैं जिससे भी हम बोर नहीं होते। यहाँ मैं कहूँगा सच में बोर हो जाना चाहिए आपको तो वही टीवी देखते रहते हो वही खाते रहते हो, ...
  9. अकेलापन एक बीमारी है

    आज तेजी से एक बीमारी फैल चुकी है, वह पता है क्या है? – अकेलापन, लोनलीनेस। ब्रिटन में, यू.के. में उन्होंने एक मंत्रालय ही खोल दिया, अकेलापन का मंत्रालय। सब कुछ होते हुए.. पत्नी है, पति है, बच्चे है, घर है, गाड़ी है, संपत्ति है, बैंक बैलेंस काफी मोटा है, यह ...
  10. पुरानी विरासत बचाए रखना ज़रूरी है

    प्रश्न: गुरुदेव, भारत में अब भी ऐसी जगह हैं  जिन्होने बहुत समय बीतने पर भी अपना व्यक्तित्व बनाये रखा, अपनी जीवनशैली बनाए रखी। जहाँ समय बहुत परिवर्तन लाया है वह जगह अपनी जड़ों से संबंध कैसे गहरा कर सकती हैं? 150 साल पुराना है आर्ट ऑफ़ लिविंग का जर्मनी आश्रम ...