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  1. गदग: जहाँ जूट में बुनें जाते हैं सपने

    कभी-कभी, दुनिया को बदलने के लिए छोटे-छोटे उपायों की आवश्यकता होती है। कर्नाटक का एक छोटा सा गाँव  जूट में सपने बुनकर सशक्तिकरण की एक निःशब्द कहानी आलेखित कर रहा है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने दिसंबर 2010 में गदग शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर कोप्पला में बहा ...
  2. वर्षा जल संचयन: क्योंकि हर एक बूँद कीमती है

    पानी की कमी को सबसे खतरनाक परिणाम माना जाता है, पर्यावरण क्षति और भारत ने अभी से ही इस जल संकट का असर महसूस करना शुरू कर दिया है । जनसंख्या में वृद्धि के साथ, भारत देश ने पिछले 20 सालों में 25 प्रतिशत तक ताजे पानी की उपलब्धता में न्यूनीकरण या घटाव देखा है ...
  3. बीन्स (फलियाँ) इन यूगांडा की महिलाओं की घनिष्ठ दोस्त हैं

    अक्टूबर 2016 यूगांडा से एक बेहतरीन कहानी प्रस्तुत है यूगांडा के गांव से पांच साहसी महिलाओं द्वारा लिखित सफलता की कहानी- फलियों के साथ। एक नॉन प्रॉफिट परियोजना, जिसको एम्पावर्ड वॉइस, कहा जाता है, नॉर्वे के लेने मार्टिनसेन और यू एस की कैली सवीने  द्वारा 201 ...
  4. रीता सिंह- साहस की आवाज़

    “दिसंबर 11, 2005, पूर्बी चंपारण डिस्ट्रिक्ट, बिटाउना गाँव-  लगभग शाम के 7:00 बजे, करीब-करीब 50- 60  नक्सलवादी (एक मॉउईस्ट कम्युनिस्ट दल, भारत में आतंकी संगठन गैरकानूनी गतिविधि कार्य के अंतर्गत (निवारण) घोषित किया गया), पुरुष व महिला दोनों ने, मेरे सामने म ...
  5. वेदवती नदी के कायाकल्प की कहानी

    पूर्व में एक कलाई घड़ी संयोजनकर्त्ता के रूप में नागराज का काम था यह सुनिश्चित करना कि सभी घड़ियाँ बिलकुल समयानुसार चलें। और फिर एक समय आया जब नागराज को  मृत हो रही वेदवती नदी को  पुनर्जीवित करने का वास्तविक उद्देश्य मिल गया — एक ऐसा कार्य जो कालांतर में भ ...
  6. सूखा ग्रस्त कुर्नूल ज़िले के छोटे किसानों के लिए अप्रत्याशित लाभ के अवसर

    वर्ष 2016 में भारत में 8,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की। कृषि क्षेत्र में यह एक और कष्टकर व  दुःखदायी वर्ष था जिसमें जीवन खोने जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरवृत्ति हुई ।इस देश के किसान दीर्घकाल से क़र्ज़  के बोझ, फसलों की बर्बादी, बीमारियों  तथा ...
  7. बेटी बचाओ प्रतिज्ञा (संकल्प) अभियान

    अवलोकन        कार्य क्षेत्र: अखिल भारतीय          अवधि  :  2013 से जारी          सहभागी  : यूनिसेफ़ (UNICEF) जया (नाम बदला हुआ), राजकीय विद्यालय येदीपुर की एक 13 वर्षीय छात्रा, का विवाह एक 25 वर्ष के पुरुष केसाथ होना निश्चित किया गया था ।अपनी न्यायोचित पर ...
  8. किशोरियों में मासिक धर्म से सम्बंधित स्वास्थ्य तथा स्वच्छता का प्रसार / प्रचार

    भारतीय समाज में मासिक धर्म पर चर्चा करना अभी भी निषिद्ध माना जाता है। आज भी, हमारे लोगों पर पड़े सांस्कृतिकएवं सामाजिक प्रभाव किशोर वय की बालिकाओं को सही तरीक़े से मासिक धर्म सम्बन्धी उपयुक्त ज्ञान देने में बहुत बड़ी बाधा हैं। माताएँ भी इस विषय पर अपनी बे ...
  9. युद्ध पीड़ित इराक़ में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों ने बहुत सारी जिंदगियाँ बदल दीं

    सौद एक 35 वर्षीय विधवा है और पाँच बच्चों की माँ है। एक प्रवासी होने के नाते और किसी प्रकार के पहचान पत्रों के अभाव में उसके लिए कोई नौकरी/ काम प्राप्त करना कठिन था। आज के समय में पाँच बच्चों की परवरिश करना उसकेसंघर्ष को और कठिन बना रहा था। लेकिन जैसे ही स ...
  10. युद्ध पीड़ित इराक़ में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों ने बहुत सारी जिंदगियाँ बदल दीं

    सौद एक 35 वर्षीय विधवा है और पाँच बच्चों की माँ है। एक प्रवासी होने के नाते और किसी प्रकार के पहचान पत्रों के अभाव में उसके लिए कोई नौकरी/ काम प्राप्त करना कठिन था। आज के समय में पाँच बच्चों की परवरिश करना उसकेसंघर्ष को और कठिन बना रहा था। लेकिन जैसे ही स ...