येल यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन से यह पता चला कि श्वसन तकनीक से विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के छः क्षेत्रों - अवसाद,तनाव,मानसिक स्वास्थ्य,सचेतन अवस्था,सकारात्मक प्रभाव और सामाजिक जुड़ाव में सुधार देखा गया

३० जुलाई,२०२०,बेंगलुरु:

येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण अध्ययन से यह पता चला कि जिन कॉलेज विद्यार्थियों ने सुदर्शन क्रिया श्वसन तकनीक का अभ्यास किया,उनके स्वास्थ्य के छः मुख्य क्षेत्रों - अवसाद,तनाव,मानसिक स्वास्थ्य,सचेतन अवस्था,सकारात्मक प्रभाव और सामाजिक जुड़ाव में सुधार देखा गया।

फ्रंटियर्स इन साईकिएट्री में रिपोर्ट किए गए और येल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर उल्लिखित किए गए जांच के परिणामों में यह कहा गया कि कठिन परिस्थितियों से उबरने के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम यूनिवर्सिटी कैंपस में विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर आए संकट को दूर करने में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हुए हैं।

इस उच्च स्तर के अध्ययन का निर्देशन येल चाइल्ड स्टडी सेंटर एंड येल सेंटर फॉर इमोशनल इंटेलिजेंस,येल यूनिवर्सिटी,सेंटर फॉर कंपैशन एंड अल्ट्रूज़्म रिसर्च एंड एजुकेशन,स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी,लेपजिग यूनिवर्सिटी,लेपज़िग,जर्मनी,येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट,येल यूनिवर्सिटी एंड मेडिकल रिसर्च काउंसिल कोग्निशन एंड ब्रेन साइंसेज यूनिट,यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के शोधकर्ताओं के द्वारा किया गया।

इस महामारी के चलते,जब मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो भविष्य को लेकर अनिश्चितताओं,बढ़ते विरोध और वैश्विक तनाव के कारण स्थिति और भी खराब हुई है और एक विशेष आयु समूह के युवा इसकी चपेट में आए हैं।

यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण में,येल चाइल्ड स्टडी सेंटर एंड येल सेंटर फॉर इमोशनल इंटेलिजेंस की शोध टीम ने क्लासरूम में हुए तीन वैलनेस ट्रेनिंग प्रोग्राम के आधार पर मूल्यांकन किया। इन सभी प्रोग्राम्स में श्वसन एवम् भावनात्मक बुद्धिमत्ता रणनीति शामिल थीं। इन प्रोग्राम्स का परीक्षण ८ हफ्तों तक १३५ अंडरग्रैजुएट विद्यार्थियों पर किया गया और परिणामों कि तुलना उन नियंत्रित अंडरग्रैजुएट विद्यार्थियों के समूह से की गई,जिन्होंने इन तीनों प्रोग्राम्स में से एक भी प्रोग्राम में हिस्सा नहीं लिया था।

शोधकर्ताओं ने बताया कि नियंत्रित समूह की तुलना में एस के वाई कैंपस हैप्पीनेस ने बहुत अच्छे सुधार को दर्शाया।उन विद्यार्थियों को अवसाद,तनाव,सचेतन अवस्था,सकारात्मक प्रभाव और सामाजिक जुड़ाव जैसी छः स्थितियों में मदद मिली।

आर्ट ऑफ लिविंग का एस के वाई कैंपस हैप्पीनेस प्रोग्राम एक श्वसन तकनीक पर आधारित है,जिसे एस के वाई ( सुदर्शन क्रिया योग ) कहा जाता है।इसमें श्वसन ध्यान,योगासन,सामाजिक जुड़ाव और सेवा कार्य शामिल हैं।

एम्मा सेप्पाला,येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में वूमेंस लीडरशिप प्रोग्राम की फैकल्टी डायरेक्टर और प्रमुख लेखिका ने यह बताया," शैक्षिक कुशलताओं के साथ - साथ हमें विद्यार्थियों को यह भी सिखाने की आवश्यकता है कि एक संतुलित जीवन किस प्रकार से जीया जाए।पिछले १० वर्षों में विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ्य खराब हुआ है।"

सुदर्शन क्रिया एक शक्तिशाली लयबद्ध श्वसन तकनीक है,जो आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रमों में सिखाई जाती है,जो जीवकोषीय स्तर पर तनाव और भावनात्मक विष को दूर करती है।शोध यह दर्शाता है कि यह तकनीक नींद के चक्र को सुधारने,हैप्पी और फील गुड हार्मोन्स,जैसे - ऑक्सीटोसिन के स्राव को सुधारने,तनाव उत्पन्न करने वाले हार्मोन्स,जैसे - कॉर्टिसोल के स्राव को कम करने,सजगता को बढ़ाने और चिकित्सीय अवसाद लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों में चिंता,तनाव और अवसाद से संबंधित कुछ सामान्य स्वत : सूचित समस्याएं रही हैं।

https://news.yale.edu/2020/07/27/improve-students-mental-health-yale-study-finds-teach-them-breathe

https://www.frontiersin.org/articles/10.3389/fpsyt.2020.00590/full?&utm_source=Email_to_authors_&utm_medium=Email&utm_content=T1_11.5e1_author&utm_campaign=Email_publication&field=&journalName=Frontiers_in_Psychiatry&id=534776