योग आसन फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए
ध्यान मानसिक बल प्रदान करता है
योग के साथ बेहतर फुटबॉल खेलें
यह एक कठिन और कठोर खेल है। इस खेल के जाने-माने खिलाड़ी बेकहम, मेसी और रोनाल्डो का मैदान मे जबरदस्त फुटबॉल का खेल होता है। जिसमें खेल के दौरान एक दूसरे से भयंकर टक्कर लेने के लिए उनको कठोर व कठिन फिटनेस दिनचर्या अपनानी पड़ती है। जिसमें तेज तेज सांसो के साथ-साथ ट्रेनिंग की जाती है।योगा करने के लिए, एक शांत कमरे में अपने हैमस्ट्रिंग को खींचने और पैर की उंगलियों और एड़ियों को मजबूत करने के व्यायाम उनकी आवश्यकता को पूरा करने में समर्थ है। एक समय पर इन “चुस्त और लचीले शरीर वाले फुटबॉलर्स जिनको हम बहुत पसंद करते हैं और उकसाते हैं” उनको अपनी कठिन फिटनेस दिनचर्या में परिवर्तन लाने के लिए योग और ध्यान को अपने जीवन में स्थान देना पड़ेगा। योग और ध्यान से इन तूफानी दुनिया में खेलने वाले खिलाड़ियों को और अधिक उर्जा मिलेगी।धीरे धीरे योग और ध्यान ने इन खिलाड़ियों को अपने प्रभाव में ले लिया है।
यह एक कठिन और कठोर खेल है। इस खेल के जाने-माने खिलाड़ी बेकहम, मेसी और रोनाल्डो का मैदान मे जबरदस्त फुटबॉल का खेल होता है। जिसमें खेल के दौरान एक दूसरे से भयंकर टक्कर लेने के लिए उनको कठोर व कठिन फिटनेस दिनचर्या अपनानी पड़ती है। जिसमें तेज तेज सांसो के साथ-साथ ट्रेनिंग की जाती है।योगा करने के लिए, एक शांत कमरे में अपने हैमस्ट्रिंग को खींचने और पैर की उंगलियों और एड़ियों को मजबूत करने के व्यायाम उनकी आवश्यकता को पूरा करने में समर्थ है। एक समय पर इन “चुस्त और लचीले शरीर वाले फुटबॉलर्स जिनको हम बहुत पसंद करते हैं और उकसाते हैं” उनको अपनी कठिन फिटनेस दिनचर्या में परिवर्तन लाने के लिए योग और ध्यान को अपने जीवन में स्थान देना पड़ेगा। योग और ध्यान से इन तूफानी दुनिया में खेलने वाले खिलाड़ियों को और अधिक उर्जा मिलेगी।धीरे धीरे योग और ध्यान ने इन खिलाड़ियों को अपने प्रभाव में ले लिया है।
यदि आप स्वयं फुटबॉल खेलते हो या देखते हो तो यह योगासन आपके खेल को और अधिक महत्वपूर्ण बना देगा;
फुटबॉल के खिलाड़ी जिस प्रकार भागते हैं, दौड़ते हैं और लाते मारते हैं, उसी प्रकार योग में पैरों को लचीला बनाने के व्यायामों पर विशेष बल दिया जाता है। इससे सहन शक्ति बढ़ती है, लचीलापन आता है तथा कूल्हों, जंघाओं और पैरों के उत्तक ढीले होते हैं। जो कि खिलाड़ियों के उत्तम प्रदर्शन के लिए आवश्यक है।
फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए योग मुद्राएं
निम्नलिखित योग मुद्राएं मांसपेशियों को लचीला बनाती है, विशेषकर हिप्प फलैक्सर्स और हैमस्ट्रिंग की
- वीरभद्रासन |Veerabhadrasana
- बद्धकोणासन |Badhakonasana
- अधोमुख श्वानासन |Adho Mukha Svanasana
- एकपाद राज कपोतासन |Eka Pada Raja Kapotasana
- अश्व संचालासन |Ashwa Sanchalanasana
बहुत लाभदायक मुद्रा है। जिससे संकल्प शक्ति मजबूत होती है। इस मुद्रा से शक्ति, लचीलापन तथा संतुलन बढ़ता है। जंघा, टखने और एड़ियों तथा पीठ की माँसपेशियाँ मजबूत होती है।
अंदरूनी जंघाओं को पुष्ट करती है। ग्रोइंन्स और घुटनों में लचीलापन बढ़ाता है तथा कूल्हों की हड्डियों में लचीलापन बढता है। खेल के बाद कूलिंग डाउन में सहायता करता है। यह थकान दूर करने में तथा लंबे समय तक खड़े रहने, चलने और भागने में सहायक है।
इस आसन से मजबूती, लचीलापन बढ़ने के साथ-साथ आंतरिक केंद्रीयता भी बढ़ती है। यह कलाइयां, कंधों और हैमस्ट्रिंग, काल्वस,आर्चस की मांसपेशियों को ताकत देता है। बाहों तथा पैरों की मांसपेशियों को भी ताकत देता है।
इस आसन से सब को लाभ मिलता है चाहे वह धावक हो, बाइकर हो या फुटबॉल खिलाड़ी हो, चाहे जो मां बनने वाली स्त्रियाँ हो। इस आसन से कूल्हों की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिससे पीठ के निचले हिस्से का दर्द तथा घुटनों व हैमस्ट्रिंग की चोटों में आराम मिलता है।
इससे आपकी जंघाओं, पैरों और जोड़ों में शक्ति आती है। पीठ की समस्याओं में आराम मिलता है और आगे के हाथ मजबूत बनते हैं।
ध्यान एक मानसिक व्यायाम
कठिन खेल प्रशिक्षण में ध्यान एक महत्वपूर्ण तत्व है। चाहे वह खिलाड़ियों को शांत करना हो यह फैली हुई ऊर्जा को केंद्रित करना हो, उनका आत्म नियंत्रण संतुलित करने, प्रदर्शन में खिलाड़ियों की आत्म शक्ति को बढ़ाने मे ध्यान कमाल कर सकता है। उलिवल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल नॉर्वे के साधकों का कहना है: “कि जो खिलाड़ी नियमित ध्यान करते हैं, कठिन प्रशिक्षण अभ्यास के बाद, उनका लैक्टेट का उत्पादन बढ़ जाता है” जिससे एनेरोबिक व्यायाम के उत्पाद से प्रेरित दर्द ठीक होता है और यह फिटनेस स्तर को तेजी से बढ़ा देता है।
तो यदि आप सिर्फ फुटबॉल खिलाड़ी हो यह सही रूप में इसमें रुचि रखते हो तो अपने खेल को योग के द्वारा बेहतर बनाओ।
योग के नियमित अभ्यास से मन और शरीर को बहुत से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। परंतु यह दवाओं का विकल्प नहीं है। यह आवश्यक है कि योग मुद्राओं को किसी अनुभवी योग प्रशिक्षक या श्री श्री योगा टीचर से सीखा जाए। यदि कोई चिकित्सीय अवस्था हो तो योग डॉक्टर या योग टीचर से परामर्श लेकर ही योगा करें। कुछ सूचना या कार्यक्रम की जानकारी चाहते हैं तो हमें लिखें info@srisriyoga.in डॉट इन पर।