योग के बारे में (yoga)

इन 10 सरल योगासनों से करें योगाभ्यास की शुरुआत | Start Your Yoga Journey With These 10 Simple Yoga Asanas

अपनी उत्पत्ति के बाद से, योग दुनिया भर में कई लोगों को शरण दे रहा है। योगासनों के लाभ सभी के लिए हैं - फिटनेस या योग्यता चाहने वालों से लेकर शांत और एकाग्र मन को खोजने वालों तक|

ये जानना काफी दिलचस्प है कि हम सभी ने शैशव काल में कई योगासन किये हैं। जन्म के बाद से ही, बच्चे लेटे हुए, खड़े होकर व  चलना सीखते हुए भी भिन्न-भिन्न आसन करते रहते हैं| बच्चे योगियों की तरह सांस भी लेते हैं और उनका मन भी योगियों जैसा होता है - हमेशा वर्तमान क्षण में। इसलिए, शुरूआत करने वालों के लिए योग और कुछ नहीं बल्कि केवल खुद को उन आश्चर्यजनक योगासनों को याद दिलाना है जो बचपन में हमने किये थे।

बच्चों के रूप में, हमें विरासत में मिले योग संबंधी ज्ञान की ओर लौटने से हम पर बहुआयामी प्रभाव पड़ता है। यह हमें एक बच्चे जैसी अवस्था प्राप्त करने में मदद करता है जिसमें मन जागरूक हो और वर्तमान में हो। मन, शांत और शिथिल अवस्था में हो तो शरीर, और अधिक लचीला और स्वस्थ हो जाता है।

इसलिए, अपने योग मैट को बाहर निकालें, आरामदायक कपड़े पहनें और शुरूआती तौर पर, इन आसान और अद्भुत योगासनों से शुरू करें।

शुरूआत करने वालों के लिए कुछ योगासन - 

चाहे योग अभ्यास के क्षेत्र में आप एक शुरुआती, एक मध्यवर्ती या एक विशेषज्ञ हों, अपनी दिनचर्या हल्के योगासनों और सूक्ष्म व्यायामों (धीमे कसरत करना) के साथ आरम्भ करना बेहतर होता है। कुछ मिनटों का व्यायाम आपकी मांसपेशियों व ऊतकों को अधिक लचीला बनाता है और शरीर को आराम देता है।

एक बार निपुण हो जाने पर आप, इन सरल योगासनों को निम्नलिखित अनुक्रम से कर सकते हैं :

1. पश्चिमोत्तानासन (बैठ कर आगे झुकना) -

यह पीठ के निचले हिस्से में खिंचाव लाता है, पेट और श्रोणि अंगों की प्राकृतिक रूप से मालिश करता है और कंधों को चुस्त-दुरुस्त बनाता है।

2. वीरभद्रासन (वारियर पोज़) -

यह शरीर में संतुलन को बेहतर बनाता है, आंतरिक बल को बढ़ाता है और कंधों में तनाव को दूर करता है। यह टांगों को,‌ भुजाओं को तथा पीठ के निचले हिस्से को भी मजबूत करता है और विशेष रूप से एक गतिरहित (बहुत लम्बे समय तक बैठ कर काम करना) जीवन शैली पर चलने वालों के लिए उपयोगी है।

3. मार्जर्यासन  (कैट पोज़) -

यह पाचन में सुधार करता है, मन को शांत करता है, रीढ़ को लचीला बनाता है व कलाई और कंधों को मजबूत करता है।

4. शिशु आसन (बालासन) -

यह कब्ज़ को दूर करता है और तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को भी विश्राम देता है।

5. अर्धचक्रासन (पीछे की ओर झुकना) -

यह भुजाओं और कंधों की मांसपेशियों को चुस्त  करता है। और आगे के ऊपरी धड़ में भी खिंचाव लाता है।

6. हस्तपादासन (आगे झुकना) -

यह पेट की मांसपेशियों में, ऊपरी पीठ में, घुटने के पीछे की नसों में और पिंडलियों की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है।

7. उत्कटासन (कुर्सी पोज़) - 

यह पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाता है, शरीर को संतुलित करता है और आपके दृढ़ संकल्प में मजबूती लाता है।

8. योगनिद्रा -

हमेशा योग निद्रा के साथ दिनचर्या समाप्त करें क्योंकि यह किये गए सभी योगासनों के प्रभावों को अवशोषित करने के लिए तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) को तैयार करती है।

9. बद्धकोणासन (तितली आसन) -

यह मल त्याग में सुधार करता है, मासिक धर्म में परेशानी से राहत देता है और कूल्हे के स्थान पर लचीलापन लाता है|

10. कोणासन -

यह कब्ज और कटिस्नायुशूल से पीड़ित लोगों के लिए सहायक है, रीढ़ के लचीलेपन में वृद्धि करता है और भुजाओं, टांगों व पेट के अंगों को मजबूत बनाता है।

शुरूआत करने वालों के लिए नीचे दिए गए कुछ दिशानिर्देशों की समीक्षा करना महत्वपूर्ण है :

  • ये आसन कौन कर सकता है ?
    ये आसन हर कोई कर सकता है।‌ यदि आपको कोई असामान्य (विशेष) स्वास्थ्य समस्या है तो अपने चिकित्सक से परामर्श करना उचित है और आपको निश्चित रूप से इन आसनों को प्रशिक्षित शिक्षकों की देखरेख में सीखने की सलाह दी जाती है।
  • ये कहाँ किये जा सकते हैं ?
    कोई भी योगासन, शुरूआती लोगों के लिए या विशेषज्ञों के लिए घर के अंदर या बाहर एक योग मैट (चटाई) पर किये जा सकते हैं। हालांकि, इन्हें एक साफ, हवादार और शांत जगह पर करना उचित है।
  • ये कब किये जा सकते हैं ?
    इनका अभ्यास दिन के किसी भी समय किया जा सकता है,‌ परन्तु भोजन के बाद 2-3 घंटे का अंतर होना चाहिए। इन योगासनों को करने का सबसे अच्छा समय है सुबह, खाली पेट करना। आप इन्हें शाम को, खाना खाने से पहले भी कर सकते हैं।
  • किसी महत्वपूर्ण एहतियात को ध्यान में रखना ?
    याद रखें, पहली बार करने वालों को पूर्णता या उत्तमता के साथ योगासनों में आना महत्वपूर्ण नहीं है। जितना हो सके उतना ही स्ट्रेच करें। यदि कोई खिंचाव दर्द का कारण बनता है, तो बंद कर दें। धीरे-धीरे, हर योग सत्र के साथ अपने आराम क्षेत्र यानी कम्फर्ट ज़ोन को दिन-ब-दिन छोटा करें।

अधिक संवर्धित और सुरक्षित योग अनुभव के लिए, इन योगासनों को प्रशिक्षित शिक्षक से सीखना उचित है।‌ शुरूआत करने वालों के लिए तथा मध्यवर्ती अभ्यर्थियों के लिए, श्री श्री योग कार्यक्रम एक उत्तम अनुभव प्रदान कर सकता है।

(आर्ट ऑफ लिविंग के योग शिक्षक, सेजल शाह और मीना वाघरे के आदानों पर आधारित)

योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर

योग कार्यशालाएं श्री श्री योग आसन . प्राणायाम . ध्यान . ज्ञान
योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर