योग के बारे में (yoga)

स्वस्थ हृदय के लिए 20 योग आसन

योग अपनी साँसों पर ध्यान देते हुए विभिन्न मुद्राओं में रहने की कला है। परिणामस्वरूप प्रत्येक योगासन का हमारे श्वसन तन्त्र पर विशेष प्रभाव पड़ता है,जिससे हमारा हृदय भी प्रभावित होता है।

निम्नलिखित आसनों के क्रम में हल्की मुद्राओं से शुरुआत करते हुए धीरे-धीरे उन आसनों की तरफ आगे बढ़ेंगे जिनमें अधिक सामर्थ्य व शक्ति की जरुरत होगी।आखिरी मुद्राओं के साथ शरीर शांत व स्फूर्तिवान हो जाता है।

योग सीखें और बीमारियों से रहें दूर

1. ताड़ासन 

ताड़ासन हृदय को मजबूती देता है और शरीर में लचीलेपन को बढ़ाता है।

TRee pose

वृक्षासन मन को शांत व संतुलित करता है।शांत मन के लिए यह मुद्रा लाभदायक है। इससे हृदय की कार्य प्रणाली बेहतर होती है।

Utthita Hastapadasana

3. ऊथिताहस्तपादासन 

इस मुद्रा में संतुलन बनाए रखने के लिए अधिक ध्यान व शक्ति की जरुरत होती है।

Trikonasana

यह खड़े रहकर की जाने वाली हृदय को खोलने वाली मुद्रा है। यह मुद्रा हृदयवाहिनी तन्त्र को लाभ पहुँचाती है। गहरी साँस लेने से छाती का फैलाव होता है व सामर्थ्य में बढ़ोतरी होती है।

warrior pose

वीरभद्रासन शरीर में संतुलन को बेहतर करता है व सामर्थ्य बढ़ाता है। यह तनाव को कम करने व मन को शांत करने के साथ-साथ हृदय गति को भी नियंत्रित करता है।

Chair pose

इस मुद्रा में आपको स्वसन व हृदय गति में वृद्धि अनुभव होगी। इससे ऊष्मा व शक्ति मिलती है।

Cat pose

7. मार्जरीआसन 

यह मुद्रा कुर्सी आसन के बाद बेहद आरामदायक प्रतीत होती है क्योंकि इससे हृदयगति फिर से सामान्य व लयबद्ध हो जाती है।

Dog Pose

यह मुद्रा विश्राम के लिए उपयोग में लाई जाती है जिससे तंत्रिकाओं को शांति व ऊर्जा मिलती है।

Cobra Pose

9. भुजंगासन 

यह मुद्रा छाती के फैलाव को बढ़ाती है और इसमें सालम्ब भुजंगासन की तुलना में अधिक शक्ति व् सामर्थ्य की जरुरत होती है।

Bow pose

पूरे शरीर को गहरा खिंचाव प्रदान करने वाला धनुरासन हृदय क्षेत्र को मजबूती देता है।

Bridge Pose

धनुरासन कि तुलना में यह मुद्रा आसान होती है। सेतुबंधआसन गहरी साँस लेने में मदद करता है, छाती के हिस्से में फैलाव व रक्त संचार को बढ़ाता है।

Half Shoulder stand

कंधो के सहारे खड़े होने पर यह तन्त्रिका तन्त्र को उतेजित करता है और छाती में फैलाव लाता है। विश्राम देने के साथ-साथ यह मुद्रा ऊर्जावान भी बनाती है।

Sitting Half Spinal twist

13. अर्धमत्स्येन्द्रासन 

बैठे हुए रीढ़ को आधा मोड़ना पूरे मेरुदंड के लिए काफी लाभदायक है। इससे छाती में फैलाव उत्पन्न होता है।

बैठकर आगे की ओर झुकने से सिर हृदय से नीचे आ जाता है, जिससे हृदयगति व श्वसन  गति में कमी आने से विश्राम मिलता है।

Stick Pose

15. दंडासन 

उपरोक्त सभी मुद्राओं के विपरीत इस मुद्रा में पीठ को मजबूती मिलती है व कन्धों और छाती को फैलाव मिलता है।

 

16. अर्धपिंचमयूरासन 

यह अधोमुखोस्वान आसन से अधिक कठिन है। इससे सामर्थ्य में बढ़ोतरी होती है व शरीर के ऊपरी भाग को मजबूती मिलती है ताकि हृदय को लाभ पहुचाने वाली मुद्राएँ की जा सकें।

Ardha Pincha Mayurasana (Dolphin Pose)

मकर अधोमुख शवासन से हृदय की पम्पिंग नियमित होती है।
 

इसमें रीढ़ की हड्डी थोड़ी से मुड़ती है जिससे छाती खुलती है व फेफड़ों और कन्धों में खिंचाव होता है।

Shavasana - Corpse pose

सभी योग मुद्राओं के बाद शवासन से गहरा विश्राम मिलता है। इससे शरीर व श्वांस में सूक्ष्म परिवर्तन आते हैं जो पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

Anjali Mudra

20. अंजुली मुद्रा 

यह मुद्रा हृदय को खोलने, मस्तिष्क को शांत रखने के साथ ही तनाव व् व्याकुलता को कम करती है।
यह शरीर को प्राणायाम व ध्यान के लिए बेहतर तैयार करती है।

 
 

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