सुदर्शन क्रिया क्या है?

सुदर्शन क्रिया एक श्वास तकनीक है जो तनाव को दूर करने, भावनाओं को नियंत्रित करने और शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने में मदद करती है। सुदर्शन क्रिया की रेगुलर प्रैक्टिस से दुनिया भर में कई लोग एक तनाव मुक्त जीवन जी जीने के साथ-साथ, अपनी रोज़मर्रा की जिम्मेदारियों को भी निभा रहे है। 

सुदर्शन क्रिया कैसे काम करती है?

सुदर्शन क्रिया साँस को नियंत्रित करती है। आपकी साँसें आपकी भावनाओं से जुड़ी होती हैं। उदाहरण के तौर पर जब आप गुस्से में होते हैं तो आप छोटी-छोटी साँसें लेते हैं और जब आप उदास होते हैं तो लंबी साँसें लेते हैं।जिस तरह आपके इमोशंस आपकी ब्रीथिंग साइकल्स को बदल देते हैं, उसी तरह आप अपनी साँसों के द्वारा अपने मन की स्थिति को भी बदल सकते हैं। सुदर्शन क्रिया तनाव,क्रोध,चिंता और दुःख जैसी नकारात्मक भावनाओं को दूर करने के लिए विभिन्न श्वास चक्रों का उपयोग करती है। सुदर्शन क्रिया आपको स्वाभाविक रूप से मन की एक खुश, तनावमुक्त और ऊर्जावान स्थिति तक पहुँचने में मदद करती है।

 

सुदर्शन क्रिया दिमाग और शरीर के बीच सद्भाव लाती है।

आपके शरीर और मन में विशेष लय होती है। उदाहरण के लिए, आप अलग-अलग समय पर भूख और सोने की आवश्यकता का अनुभव करते हैं। इसी तरह आपकी साँसों, भावनाओं और विचारों में एक लय होती है। संदेह, चिंता और प्रसन्नता एक निश्चित लय में आते-जाते रहते हैं। साल के किसी खास समय पर वही भाव आते हैं। जब मन और शरीर की लय तालमेल में नहीं होती है, तो आपको असुविधा का अनुभव होने की सबसे अधिक संभावना होती है। सुदर्शन क्रिया शरीर और मन में लय के बीच सामंजस्य लाती है जो फिर कल्याण और खुशी की भावना के रूप में प्रकट होती है।

 

सुदर्शन क्रिया की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने 17 सितंबर 1981 को दस दिनों के मौन और उपवास के बाद शिमोगा में भद्रा नदी के तट पर सुदर्शन क्रिया को रिवील किया था।

“मैं पहले से ही ध्यान और योग सिखा रहा था। लेकिन मुझे लगा कि कुछ तो कमी है। लोग अपनी आध्यात्मिक साधना करते हैं, पर उनका जीवन ऐसा लगता है, जैसे डिब्बों में है। वे अपनी प्रार्थना, ध्यान और आध्यात्मिक साधना करते हैं, लेकिन जब वे जीवन में बाहर आते हैं,तो वे बहुत अलग लोग होते हैं।तो, मैं सोच रहा था कि हम यह आंतरिक मौन और जीवन की बाहरी अभिव्यक्ति के बीच के अंतर को कैसे ब्रिज कर सकते हैं। एक मौन की अवधि के दौरान, सुदर्शन क्रिया एक प्रेरणा की तरह आई। मेरे मौन से बाहर आने के बाद, मैं जो कुछ भी जानता था, मैंने उसे पढ़ाना शुरू किया और मैंने देखा की लोगों को बहुत अच्छे अनुभव हुए।"

सुदर्शन क्रिया अंततः द आर्ट ऑफ़ लिविंग के सभी कार्यक्रमों की आधारशिला बन गई, जिस संगठन की स्थापना गुरुदेव ने उसी वर्ष की थी।

 

सुदर्शन क्रिया के लाभ

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के शब्दों के अनुसार, नींद में हम थकान से छुटकारा पा लेते हैं, लेकिन हमारे शरीर और मन में गहरा तनाव बना रहता है।सुदर्शन क्रिया सिस्टम को अंदर से साफ करती है। १००  से अधिक स्वतंत्र अध्ययन सुदर्शन क्रिया द्वारा मन और शरीर पर किए गए गहन तनाव विषहरण के लाभों को दर्शाते हैं। 

 

सुदर्शन क्रिया के कुछ और लाभ। 

  • ​​​​एंग्जायटी, डिप्रेशन, पीटीएसडी (पोस्ट-ट्रॉमैटिक-स्ट्रेस डिसऑर्डर) और तनाव के स्तर के लक्षणों से राहत देता है।  
  • आवेग और एडिक्टिव बेहेवियर को कम करता है।  
  • आत्म-सम्मान और जीवन संतुष्टि में सुधार करता है। 
  • मानसिक ध्यान बढ़ाता है।
  • बेहतर नींद लाता है।
  • प्रतिरक्षा समारोह को बढ़ाता है।
  • रक्तचाप कम करता है।
  • श्वसन क्रिया में सुधार करता है।
  • डिप्रेशन और एंग्जायटी में 41 % की कमी देखी गई है।
  • तनाव के स्तर को कम करता है।
  • 2 हफ्तों में तनाव हार्मोन 56.6% की कमी।
  • आवेग और नशे की लत को कम कर देता है।
  • जीवन संतुष्टि और आत्मसम्मान में सुधार लाता है।
  • मानसिक ध्यान बढ़ाता है। 
  • बेहतर नींद।
  • गहरी नींद के समय को बढ़ाता है।
  • रोग प्रतिरोग शक्ति को बढ़ाता है। 

12 हफ्तों में व्यक्ति के इम्यून सेल काउंट में काफी बढ़ोतरी देखी गयी है।

  • हृदय के स्वास्थ्य को बढ़ाता है।

         कोलेस्ट्रॉल में सुधार करता है और ब्लड प्रेशर कम करता है।  

  • फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। 

 

सुदर्शन क्रिया किसके लिए है?

जो कोई भी अपनी क्वालिटी ऑफ़ लाइफ को बेहतर बनाना चाहता है या तनाव मुक्त रहना चाहता है, सुदर्शन क्रिया उनके लिए है। जीवन के सभी क्षेत्रों और सभी उम्र के लोग सुदर्शन क्रिया के लाभों का अनुभव कर रहे हैं। छात्रों और कामकाजी पेशेवरों ने बेहतर फ़ोकस और उत्पादकता का अनुभव किया है। उद्यमियों और गृहणियों ने बेहतर ऊर्जा स्तर और स्वास्थ्य का अनुभव किया है। पूर्व उग्रवादियों और जेल के कैदियों ने हिंसक प्रवृत्तियों को त्याग दिया है और मुख्यधारा में उनका पुनर्वास किया गया है। युद्ध शरणार्थी और हिंसा के शिकार लोग अपने पिछले दुखों से मुक्त होने और नियमित जीवन जीने में सक्षम हुए हैं।

पढ़िए की लोग सुदर्शन क्रिया के बारे में क्या कह रहे हैं।