सुदर्शन क्रिया के बारे में गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी का भाष्य।

 प्रकृति विभिन्न लय और चक्रों से परिपूर्ण है। दिन रात के बाद आता है, रात दिन के बाद आती है, मौसम आते हैं और चले जाते हैं। इसी तरह, हमारे शरीर, मन और भावनाओं में जैविक लय होती है। जब ये लय तालमेल में होते हैं, तो हम सद्भाव और कल्याण की भावना महसूस करते हैं। जब तनाव या बीमारी उन्हें क्रम से बाहर कर देती है, तो हम बेचैनी और असंतोष का अनुभव करते हैं और परेशान और दुखी महसूस करते हैं।

 

सुदर्शन क्रिया साँस की विशिष्ट प्राकृतिक लय को शामिल करती है, जो शरीर और भावनाओं की लय के साथ तालमेल बनाती है और उन्हें प्रकृति की लय के साथ जोड़ती है। साँस शरीर और मन को एकत्रित करती है। जिस तरह भावनाएँ हमारी साँस लेने के पैटर्न को प्रभावित करती हैं, उसी तरह हम अपनी साँस की लय को बदलकर अपने मानसिक और व्यवहारिक पैटर्न में बदलाव ला सकते हैं। साँस हमारे क्रोध, चिंता और एंग्जायटी को दूर करती है और हमारे मन को पूरी तरह से शाँत और ऊर्जावान बना देती है।

अकेले ही इस तकनीक ने अलग - अलग क्षेत्रों से आने वाले हजारों लोगों के जीवन को लाभान्वित किया है, चाहे वे कॉर्पोरेट से हों, अधिकारी हों, बच्चे और गृहिणी हों,आघात प्रभावित व्यक्ति या समुदाय हो या कोई भी वंचित।

“मैं पहले से ही ध्यान और योग सिखा रहा था। लेकिन मुझे लगा कि कुछ तो कमी है।  लोग अपनी आध्यात्मिक साधना करते हैं, पर उनका जीवन ऐसे लगता है, जैसे डिब्बों में है। वे अपनी प्रार्थना, ध्यान और आध्यात्मिक साधना करते हैं, लेकिन जब वे जीवन में बाहर आते हैं, तो वे बहुत अलग लोग होते हैं। तो, मैं सोच रहा था कि हम यह आंतरिक मौन और जीवन की बाहरी अभिव्यक्ति के बीच के अंतर को कैसे ब्रिज कर सकते हैं।”

 

एक मौन की अवधि के दौरान, सुदर्शन क्रिया एक प्रेरणा की तरह आई। मेरे मौन से बाहर आने के बाद, मैं जो कुछ भी जानता था मैंने उसे पढ़ाना शुरू किया और मैंने देखा की लोगों को बहुत अच्छे अनुभव हुए।"

"सुदर्शन क्रिया के बाद  बहुत से लोग शुद्ध, स्पष्ट और पूर्ण महसूस करते हैं, क्योंकि उनकी चेतना जो पदार्थ, सामग्री, जो उसके लिए विदेशी है, उसमें अटकी हुई थी और सुदर्शन क्रिया के बाद वह मुक्त होकर अपने घर वापस आ जाती है । यही पवित्रता की भावना है।" 

"हमें अपने भीतर एक सफाई प्रक्रिया करने की आवश्यकता है। नींद में हम थकान से छुटकारा पा लेते हैं, लेकिन हमारे शरीर में गहरा तनाव बना रहता है। सुदर्शन क्रिया हमारे सिस्टम को अंदर से साफ करती है। साँस एक बहुत बड़ा रहस्य है।"