श्री श्री रवि शंकर – परिचय (Gurudev Sri Sri Ravi shankar in Hindi)

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी का एक परिचय |An Introduction to Gurudev Sri Sri Ravi Shankar

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर एक मानवीय नेता, एक आध्यात्मिक गुरु और शांति के राजदूत है।  उनकी दृष्टि एक तनाव मुक्त, हिंसा-मुक्त समाज ने लाखों लोगों को दुनिया पर सेवा परियोजनाओं और जीवन जीने की कला के पाठ्यक्रम के माध्यम से संयुक्त किया है।

गुरुदेव को, कोलम्बिया, मंगोलिया और पराग्वे का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार सहित कई सम्मान दिए गये है। वह पद्म विभूषण के प्राप्तकर्ता है, भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार और दुनिया भर के पंद्रह मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किए गये है।

गुरुदेव श्री श्री विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और गुणवत्ता नियंत्रण के भारत योग प्रमाणीकरण समिति के अध्यक्ष है। आप अमरनाथ तीर्थ बोर्ड (जम्मू और कश्मीर सरकार के  द्वारा नियुक्त, भारत ) के एक सदस्य भी है । 500 वीं वर्षगांठ समारोह में कृष्ण देव राय के राज्याभिषेक में गुरुदेव स्वागत समिति के अध्यक्ष थे (कर्नाटक सरकार द्वारा, भारत) ।

श्री श्री रवि शंकर - एक परिचय

सन १९५६ में दक्षिण भारत में जन्मे श्री श्री रवि शंकर ( Gurudev Sri sri ravi shankar) एक प्रतिभावान बालक थे। चार वर्ष की आयु से ही वे भगवद्गीता, जोकि एक प्राचीन संस्कृत में लिखा धर्मग्रन्थ है, उसका व्याख्यान कर लेते थे। उनके पहले गुरु श्री सुधाकर चतुर्वेदी थे, जिनका महात्मा गाँधी के साथ बहुत लम्बा सहयोग रहा था। उन्होंने वैदिक साहित्य और भौतिक विज्ञान, दोनों में डिग्री प्राप्त की है।

जीवन जीने की कला और आई ए एच वी की स्थापना |Founding The Art of Living and the IAHV

भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित शहर शिमोगा में श्री श्री रवि शंकर (Gurudev Sri Sri Ravishankar) १० दिन के लिए मौन में चले गए| उसके उपरांत जन्म हुआ सुदर्शन क्रिया का, जो एक शक्तिशाली श्वास प्रणाली है| समय के साथ सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ़ लिविंग की मुख्य केंद्र बिंदु बन गयी। श्री श्री रवि शंकर ने आर्ट ऑफ़ लिविंग की स्थापना एक अंतर्राष्ट्रीय, लाभ निरपेक्ष, शैक्षिक एवं मानवतावादी के तौर पर की। इसके शिक्षात्मक और आत्मविकास सम्बन्धी कार्यक्रम तनाव मिटाने और कुशल मंगल की भावना उत्पन्न करने के शक्तिशाली साधन प्रदान करते है। ये प्रणालियाँ केवल किसी ख़ास जन समुदाय को ही नहीं आकर्षित करतीं, बल्कि, ये विश्वव्यापी रूप से, समाज के हर स्तर पर प्रभावशाली सिद्ध हुई हैं।

सन १९९७ में उन्होंने आई ए एच वी - मानवी मूल्यों की अंतर्राष्ट्रीय समिति - स्थापित की, आर्ट ऑफ़ लिविंग के साथ मिल कर चिरस्थायी विकास योजनाओं को समन्वित करने, मानवीय मूल्यों को विकसित करने और द्वंद्व समाधान करने के लिए| भारत, अफ्रीका, और दक्षिण अमेरिका के ग्रामीण समुदायों में में इन दोनों संस्थाओं के स्वयंसेवक संपोषणीय प्रगति की अगवाई कर रहे हैं, और ४०,२१२ गाँव तक पहुँच चुके हैं।

सेवा की प्रेरणा और ज्ञान का वैश्विकरण | Inspiring Service and Globalizing Wisdom

एक प्रसिद्द मानवतावादी मार्गदर्शक, श्री श्री रवि शंकर (Gurudev Sri Sri ravi shankar) के कार्यक्रमों ने विभिन्न वर्ग के लोगों को सहायता प्रदान की है, जैसे की प्राकृतिक त्रासदी से प्रभावित लोग, आतंकी हमलों और युद्ध के उत्तरजीवी लोग, द्वंद्व से जूझते समुदायों और अधिकारहीन आबादी के बच्चे। उनके सन्देश की शक्ति ने आध्यात्म पर आधारित सेवा की एक बड़ी लहर को प्रेरित किया है एक विशाल स्वयंसेवी समुदाय में, जो इन कार्यक्रमों को विश्व के संकटमय स्थानों पर आगे ले जा रहे हैं।

एक अध्यात्मिक गुरु के रूप में श्री श्री रवि शंकर नें योग और ध्यान की परम्पराओं को फिर से जागृत किया है और इन्हें एक ऐसे रूप में प्रस्तावित किया है जो २१वीं शताब्दी में अत्यंत प्रासंगिक है। प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित करने के अलावा, श्री श्री रवि शंकर ने व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन की नयी तकनीकें बनायीं हैं। इनमें सुदर्शन क्रिया भी सम्मिलित है, जिसने सैंकड़ों लोगों को तनाव से मुक्ति पाने में और अपने भीतर ऊर्जा स्रोतों को खोजने में और नित्य प्रतिदिन के जीवन में शान्ति खोजने में अत्यंत सहायता प्रदान की है। केवल ३१वर्षों में इनके कार्यक्रमों और पहलकदमी ने १५२ देशों में ३७ करोड़ लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।

शान्ति के अलंकार |A Figure of Peace

शान्ति के दूत के रूप में श्री श्री रवि शंकर (Gurudev Sri Sri ravishankar) द्वंद्व समाधान में एक अहम् भूमिका अदा करते हैं, और अपने तनाव एवं हिंसा मुक्त समाज का सन्देश जनसभाओं और विश्व सम्मेलनों में प्रचारित करते हैं। निष्पक्ष और केवल शान्ति की कार्यावली रखने वाले समझे जाने वाले, आप द्वंद्व में फंसे लोगों के लिए आशा के प्रतीक हैं। आप को ख़ास श्रेय मिला है इराक, आइवरी कोस्ट, कश्मीर और बिहार में विरोधी पार्टियों को समझौते की बातचीत करने के लिए मनाने के लिए। आप को कर्नाटक सरकार द्वारा कृष्णदेवराय राज्याभिषेक की ५०० वी सालगिरह पर स्वागत कमेटी का सभापति निर्धारित किया गया। श्री श्री रवि शंकर अमरनाथ तीर्थस्थल समिति के सदस्य भी हैं (जम्मू कश्मीर, भारत, की सरकार द्वारा नियत)।

अपने पहलकदमी कार्यक्रमों और अभिभाषणों द्वारा श्री श्री रवि शंकर ने लगातार मानवीय मूल्यों को सुदृढ़ करने और मानवता को अपनी सबसे बड़ी पहचान समझने की आवश्यकता पर जोर डाला है। सभी धर्मों में समन्वय को प्रोत्साहित करना और बहुसांस्कृतिक शिक्षा की मांग, हमारे ग्रह पर दीर्घकालिक शान्ति के उनके प्रयत्नों के विशाल भाग हैं।

उनके काम ने विश्व भर में करोड़ो लोगों के जीवन को छुआ है, जाति, राष्ट्रीयता, और धर्म से परे, एक “वसुधैव कुटुम्बकम” के सन्देश के साथ, कि भीतरी और बाहरी शान्ति, दोनों संभव हैं; और एक तनाव मुक्त, हिंसा मुक्त समाज का निर्माण सेवा और मानवी मूल्यों के पुन:जागरण द्वारा किया जा सकता है।

 

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